नई दिल्ली : व्यापक पारदर्शिता की दिशा में कदम
उठाते हुए सरकार ने अब आरटीआई आवेदन दायर करने
और इसके शुल्क भुगतान के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू
कर दी है। देश में पारदर्शिता कानून के कार्यान्वयन के
लिए नोडल विभाग के रूप में कार्य करने वाले कार्मिक
एवं प्रशिक्षण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पोर्टल
‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट आरटीआईऑनलाइन डॉट
जीओवी डॉट इन’ इस उद्देश्य के साथ शुरू किया गया है
कि लोग सूचना मांगने के अपने अधिकार का इस्तेमाल
ऑनलाइन माध्यम से कर सकें।
अधिकारियों ने कहा कि सूचना मांगने वाला भारतीय
स्टेट बैंक और इससे जुड़े बैंकों के माध्यम से इंटरनेट
बैंकिंग के जरिए 10 रुपये का शुल्क जमा कर सकता है।
शुल्क भुगतान के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड
का इस्तेमाल भी किया
जा सकता है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में, लोग कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से संबंधित सूचना के लिए ही ऑनलाइन आवेदन और अपील कर सकते हैं। वे इस माध्यम से आरटीआई शुल्क का भुगतान भी कर सकते हैं। वेबसाइट इस हफ्ते के प्रारंभ में शुरू की गई। इसके जरिए भारतीय नागरिक केवल नई दिल्ली स्थित केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों या विभागों के लिए ही आरटीआई आवेदन और प्रथम अपील दायर कर सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि सरकार इस महीने के अंत तक राष्ट्रीय राजधानी स्थित अपने सभी मंत्रालयों और कार्यालयों तक इस सुविधा का विस्तार करेगी। उन्होंने कहा कि वेबसाइट सरकारी सूचना तक व्यापक एवं आसान पहुंच उपलब्ध कराएगी। सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) 2005 में लागू किया गया था। इसमें सरकारी विभागों को आवेदन करने वाले को एक निर्धारित समय के भीतर सूचना देनी होती है।
जा सकता है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में, लोग कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से संबंधित सूचना के लिए ही ऑनलाइन आवेदन और अपील कर सकते हैं। वे इस माध्यम से आरटीआई शुल्क का भुगतान भी कर सकते हैं। वेबसाइट इस हफ्ते के प्रारंभ में शुरू की गई। इसके जरिए भारतीय नागरिक केवल नई दिल्ली स्थित केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों या विभागों के लिए ही आरटीआई आवेदन और प्रथम अपील दायर कर सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि सरकार इस महीने के अंत तक राष्ट्रीय राजधानी स्थित अपने सभी मंत्रालयों और कार्यालयों तक इस सुविधा का विस्तार करेगी। उन्होंने कहा कि वेबसाइट सरकारी सूचना तक व्यापक एवं आसान पहुंच उपलब्ध कराएगी। सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) 2005 में लागू किया गया था। इसमें सरकारी विभागों को आवेदन करने वाले को एक निर्धारित समय के भीतर सूचना देनी होती है।
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