दो साल पहले शुरू किए समेटिव एग्ज़ाम के कारण ऐसा हुआ है। क्योंकि नवीं और दसवीं में साल में दो बार समेटिव एग्ज़ाम देने के कारण बच्चों को परीक्षा पैटर्न की अच्छी समझ हो गई थी।
पांच विषयों में बच्चों का रुझान काफ़ी बढ़ा है। ये विषय हैं- हिंदी, फिजिक्स, बायोलॉजी, बिजऩेस स्टडीज और कंप्यूटर साइंस। हिंदी सबसे पहले इसलिए क्योंकि हिंदी में तो बोर्ड को इस बार रिकॉर्ड 1210 मेरिट सर्टिफि़केट जारी करने पड़ेंगे।
इससे हिंदी का क्रेका पता चलता है। इन छात्रों को हिंदी में 95 से ज्यादा अंक मिले हैं। कुल मिलाकर सतत एवं समग्र मूल्यांकन (सीसीई) के कारण ही पास पर्सेंटेज की गुणवत्ता बढ़ी है। जहां तक ग्रेडिंग का सवाल है बारहवीं में ग्रेडिंग का फॉर्मेट तैयार है। अब भी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में दाखिला कट ऑफ लिस्ट के आधार पर होता है, जिसमें छात्रों के अंक का जोड़ मायने रखता है। अगर दाखिले कट ऑफ की बजाय प्रवेश प्रक्रिया से हों तो बोर्ड जल्द इसे लागू कर दे। ग्रेडिंग से छात्रों पर से 99 फीसदी अंक लाने का दबाव हटेगा। आंसर शीट की कॉपी भी देगा बोर्ड : इस बार छात्रों को विषयवार उ?ार पुस्तिका की फोटो कॉपी भी दी जाएगी। इसके लिए आवेदन ३१ दिन बाद लिए जाएंगे।
इससे हिंदी का क्रेका पता चलता है। इन छात्रों को हिंदी में 95 से ज्यादा अंक मिले हैं। कुल मिलाकर सतत एवं समग्र मूल्यांकन (सीसीई) के कारण ही पास पर्सेंटेज की गुणवत्ता बढ़ी है। जहां तक ग्रेडिंग का सवाल है बारहवीं में ग्रेडिंग का फॉर्मेट तैयार है। अब भी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में दाखिला कट ऑफ लिस्ट के आधार पर होता है, जिसमें छात्रों के अंक का जोड़ मायने रखता है। अगर दाखिले कट ऑफ की बजाय प्रवेश प्रक्रिया से हों तो बोर्ड जल्द इसे लागू कर दे। ग्रेडिंग से छात्रों पर से 99 फीसदी अंक लाने का दबाव हटेगा। आंसर शीट की कॉपी भी देगा बोर्ड : इस बार छात्रों को विषयवार उ?ार पुस्तिका की फोटो कॉपी भी दी जाएगी। इसके लिए आवेदन ३१ दिन बाद लिए जाएंगे।
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