चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के वीसी की नियुक्ति को लेकर सर्च कमेटी की बैठक रविवार देर शाम को चंडीगढ़ में हुई। सूत्रों के मुताबिक वीसी की नियुक्ति पर फैसला एकबारगी टाल दिया है। बैठक की पूरी कार्रवाई सर्च कमेटी के सदस्यों ने लिफाफे में बंद कर दी है। अगली बैठक में इसे खोला जाएगा। इसके बाद वीसी के नाम की घोषणा अगले माह हो सकती है।
सर्च कमेटी की बैठक रविवार देर शाम को चंडीगढ़ में हुई
। बैठक में सर्च कमेटी के सदस्य जीजेयू के वीसी डॉ. एमएल रंगा, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. केसी भारद्वाज व एक अन्य अधिकारी ने भाग लिया। करीब चार घंटे तक चली बैठक के बाद देर रात तक वीसी की नियुक्ति को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। सूत्रों के मुताबिक अभी वीसी के पद के लिए और आवेदन मांगे जा सकते हैं। पूरी कार्रवाई के मिनट्स तीनों सदस्यों ने लिफाफे में बंद कर दिए हैं। अब बंद लिफाफे में क्या है, यह गोपनीय है। बताया गया है कि अब यह बंद लिफाफा सर्च कमेटी की अगली बैठक में खोला जाएगा। ऐसी स्थिति में अभी वीसी के नाम की घोषणा में समय लग सकता है। माना जा रहा है कि अगले महीने में नियुक्ति की जा सकती है, चूंकि इस बार सीडीएलयू को बीएड एडमिशन करने की जिम्मेदारी रोटेशन वाइज मिली है तो पहली बार एडमिशन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए रेगुलर वीसी का होना बेहद जरूरी है। वहीं, जुलाई महीने में सीडीएलयू के विभिन्न विभागों में एडमिशन व नया शैक्षणिक सत्र भी शुरू होने वाला है इसलिए वीसी की नियुक्ति उससे पूर्व होने के कयास लगाए जा रहे हैं। सीडीएलयू के वीसी की दौड़ में कुल 80 के करीब शिक्षाविद् माने जा रहे हैं। इनमें से सीडीएलयू के भी दो प्रोफेसर शामिल हैं। नियुक्ति को लेकर रोहतक व भिवानी के एक-एक प्रोफेसर का नाम भी काफी चर्चा में है। बता दें, कि 1 जनवरी 2013 को सीडीएलयू के तत्कालीन वीसी डॉ. केसी भारद्वाज के सेवानिवृत होने पर ये पद रिक्त हो गया था। 2 जनवरी को हिसार स्थित गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. एलएम रंगा को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया। डॉ. रंगा को 24 अप्रैल को जीजेयू से सेवानिवृत्त होने वाले थे मगर प्रदेश के राज्यपाल जगन्ननाथ पहाडिय़ा व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनके कार्यकाल की अवधि तीन साल के लिए बढ़ा दी थी। पांच महीनों से वीसी का पद रिक्त होने के कारण विश्वविद्यालय की अनेक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
। बैठक में सर्च कमेटी के सदस्य जीजेयू के वीसी डॉ. एमएल रंगा, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. केसी भारद्वाज व एक अन्य अधिकारी ने भाग लिया। करीब चार घंटे तक चली बैठक के बाद देर रात तक वीसी की नियुक्ति को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। सूत्रों के मुताबिक अभी वीसी के पद के लिए और आवेदन मांगे जा सकते हैं। पूरी कार्रवाई के मिनट्स तीनों सदस्यों ने लिफाफे में बंद कर दिए हैं। अब बंद लिफाफे में क्या है, यह गोपनीय है। बताया गया है कि अब यह बंद लिफाफा सर्च कमेटी की अगली बैठक में खोला जाएगा। ऐसी स्थिति में अभी वीसी के नाम की घोषणा में समय लग सकता है। माना जा रहा है कि अगले महीने में नियुक्ति की जा सकती है, चूंकि इस बार सीडीएलयू को बीएड एडमिशन करने की जिम्मेदारी रोटेशन वाइज मिली है तो पहली बार एडमिशन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए रेगुलर वीसी का होना बेहद जरूरी है। वहीं, जुलाई महीने में सीडीएलयू के विभिन्न विभागों में एडमिशन व नया शैक्षणिक सत्र भी शुरू होने वाला है इसलिए वीसी की नियुक्ति उससे पूर्व होने के कयास लगाए जा रहे हैं। सीडीएलयू के वीसी की दौड़ में कुल 80 के करीब शिक्षाविद् माने जा रहे हैं। इनमें से सीडीएलयू के भी दो प्रोफेसर शामिल हैं। नियुक्ति को लेकर रोहतक व भिवानी के एक-एक प्रोफेसर का नाम भी काफी चर्चा में है। बता दें, कि 1 जनवरी 2013 को सीडीएलयू के तत्कालीन वीसी डॉ. केसी भारद्वाज के सेवानिवृत होने पर ये पद रिक्त हो गया था। 2 जनवरी को हिसार स्थित गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. एलएम रंगा को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया। डॉ. रंगा को 24 अप्रैल को जीजेयू से सेवानिवृत्त होने वाले थे मगर प्रदेश के राज्यपाल जगन्ननाथ पहाडिय़ा व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनके कार्यकाल की अवधि तीन साल के लिए बढ़ा दी थी। पांच महीनों से वीसी का पद रिक्त होने के कारण विश्वविद्यालय की अनेक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
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