डीएड इंटर्नशिप कर रहे छात्र अध्यापकों का कहना है कि वे जून माह में सायंकालीन सत्र में बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे। वे शिक्षा विभाग के नए नियम का कड़ा विरोध कर रहे हैं। जिलास्तर पर शुक्रवार को छात्राध्यापक हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के साथ मिलकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद डीईओ को हरियाणा सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
इंटर्नशिप कर रहे डीएड छात्र
अध्यापकों ने शिक्षा विभाग के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताया है। अरुण, सुरेश, रामनिवास, नरसिंह, पवन आदि ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से 28 मई को यह पत्र जारी किया गया है। इसके अनुसार गर्मी की छुट्टियों में शाम के समय उन्हें स्कूलों दो घंटे तक विद्यार्थियों को शिक्षण-प्रशिक्षण, पठन पाठन एवं खेल गतिविधियां करवानी है। इसके लिए 30 मई को जिले के स्कूलों में इर्टनशिप कर रहे छात्र अध्यापकों ने अपना पंजीकरण करवाया था। उन्होंने बताया कि पिछले आठ माह से इंटर्नशिप कर रहे छात्र अध्यापकों को अभी तक कोई मानदेय नहीं मिला जबकि शिक्षा विभाग ने नीति लागू करते समय मानदेय देने का वायदा किया था। उनका कहना है कि मुफ्त में उनसे जबरदस्ती इंटर्नशिप करवाई जा रही है। उनका कहना है कि छात्र अध्यापकोें को अपने गांव या गांव के आसपास किसी भी स्कूल में जिन विद्यार्थियों को पढ़ाना है, वे स्पष्ट नहीं है। एक जून से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी। इसके चलते अधिकतर विद्यार्थी अपनी रिश्तेदारी में चले जाते हैं। गर्मी की छुट्टियाें में स्कूल लगने से छुट्टियों का महत्व समाप्त हो जाएगा। इसके अलावा सायंकालीन सत्र में कौन से बच्चे स्कूल आएंगे यह स्पष्ट नहीं है। डीएड छात्र अध्यापकों का कहना है कि इस दौरान बच्चों को रिफ्रेशमेंट भी दी जानी है। इसके लिए अतिरिक्त तौर पर कोई फंड नहीं दिया गया है। यह सारा भार मिड-डे मिल पर ही होगा। मिड-डे मील तैयार करने की जिम्मेदारी एक ही छात्र अध्यापक पर होगी। इसके अतिरिक्त बिजली-पानी व अन्य समस्याएं अलग हैं। उधर, एसएफआई के जिला संयोजक गौर शर्मा ने कहा कि यह डीएड कर चुके विद्यार्थियों का शोषण है। इसके विरोध में एक जून को डीईओ कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा जाएगा।
अध्यापकों ने शिक्षा विभाग के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताया है। अरुण, सुरेश, रामनिवास, नरसिंह, पवन आदि ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से 28 मई को यह पत्र जारी किया गया है। इसके अनुसार गर्मी की छुट्टियों में शाम के समय उन्हें स्कूलों दो घंटे तक विद्यार्थियों को शिक्षण-प्रशिक्षण, पठन पाठन एवं खेल गतिविधियां करवानी है। इसके लिए 30 मई को जिले के स्कूलों में इर्टनशिप कर रहे छात्र अध्यापकों ने अपना पंजीकरण करवाया था। उन्होंने बताया कि पिछले आठ माह से इंटर्नशिप कर रहे छात्र अध्यापकों को अभी तक कोई मानदेय नहीं मिला जबकि शिक्षा विभाग ने नीति लागू करते समय मानदेय देने का वायदा किया था। उनका कहना है कि मुफ्त में उनसे जबरदस्ती इंटर्नशिप करवाई जा रही है। उनका कहना है कि छात्र अध्यापकोें को अपने गांव या गांव के आसपास किसी भी स्कूल में जिन विद्यार्थियों को पढ़ाना है, वे स्पष्ट नहीं है। एक जून से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी। इसके चलते अधिकतर विद्यार्थी अपनी रिश्तेदारी में चले जाते हैं। गर्मी की छुट्टियाें में स्कूल लगने से छुट्टियों का महत्व समाप्त हो जाएगा। इसके अलावा सायंकालीन सत्र में कौन से बच्चे स्कूल आएंगे यह स्पष्ट नहीं है। डीएड छात्र अध्यापकों का कहना है कि इस दौरान बच्चों को रिफ्रेशमेंट भी दी जानी है। इसके लिए अतिरिक्त तौर पर कोई फंड नहीं दिया गया है। यह सारा भार मिड-डे मिल पर ही होगा। मिड-डे मील तैयार करने की जिम्मेदारी एक ही छात्र अध्यापक पर होगी। इसके अतिरिक्त बिजली-पानी व अन्य समस्याएं अलग हैं। उधर, एसएफआई के जिला संयोजक गौर शर्मा ने कहा कि यह डीएड कर चुके विद्यार्थियों का शोषण है। इसके विरोध में एक जून को डीईओ कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा जाएगा।
No comments:
Post a Comment