लखनऊ। हाईकोर्ट के आदेश पर शिक्षक
पात्रता परीक्षा (टीईटी) में बीएड और
बीटीसी कर रहे (अपीयरिंग कैंडीडेट्स)
को आवेदन करने का मौका देने पर
उच्चाधिकारियों की बैठक में मंगलवार
को सहमति बन गई है। प्रमुख सचिव
बेसिक शिक्षा सुनील कुमार
की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय
किया गया कि टीईटी में आवेदन के लिए
समय सीमा कम से कम एक सप्ताह और
बढ़ा दी जाए। इसके आधार पर ही राज्य
शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद
(एससीईआरटी) निदेशालय से प्रस्ताव
मांगा गया है। वहां से प्रस्ताव मिलने के
बाद तुरंत
ही शासनादेश जारी कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश में टीईटी 2013 के लिए 17 अप्रैल को शासनादेश जारी किया गया था। इसमें बीएड और बीटीसी की परीक्षा पास करने वालों को ही मौका दिया गया, जबकि वर्ष 2011 की टीईटी में अपीयरिंग कैंडीडेट्स को भी मौका दिया गया था। शासनादेश जारी होने के बाद ही इस पर सवाल उठे कि यदि बीएड और बीटीसी की परीक्षा में शामिल होने वाले इस बीच पास हो जाते हैं तो उन्हें टीईटी में शामिल होने के लिए सालभर इंतजार करना पड़ेगा। कुछ छात्रों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी तो फैसला उनके पक्ष में आया। हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार अब बीएड और बीटीसी अपीयरिंग कैंडीडेट्स को भी टीईटी में शामिल होने की अनुमति देने जा रही है। टीईटी में आवेदन पत्र के लिए पंजीकरण कराने, आवेदन शुल्क जमा करने और आवेदन करने की तिथि कम से कम एक सप्ताह बढ़ाई जाएगी।
ही शासनादेश जारी कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश में टीईटी 2013 के लिए 17 अप्रैल को शासनादेश जारी किया गया था। इसमें बीएड और बीटीसी की परीक्षा पास करने वालों को ही मौका दिया गया, जबकि वर्ष 2011 की टीईटी में अपीयरिंग कैंडीडेट्स को भी मौका दिया गया था। शासनादेश जारी होने के बाद ही इस पर सवाल उठे कि यदि बीएड और बीटीसी की परीक्षा में शामिल होने वाले इस बीच पास हो जाते हैं तो उन्हें टीईटी में शामिल होने के लिए सालभर इंतजार करना पड़ेगा। कुछ छात्रों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी तो फैसला उनके पक्ष में आया। हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार अब बीएड और बीटीसी अपीयरिंग कैंडीडेट्स को भी टीईटी में शामिल होने की अनुमति देने जा रही है। टीईटी में आवेदन पत्र के लिए पंजीकरण कराने, आवेदन शुल्क जमा करने और आवेदन करने की तिथि कम से कम एक सप्ताह बढ़ाई जाएगी।
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