चंडीगढ़। सोनीपत और अंबाला से शुरू होने वाले पायलट प्रोजेक्ट के तहत अब सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों का वजीफा, वर्दी और किताबों का पैसा सीधे उनके बैंक खाते में जाएगा। इसके लिए सभी बच्चों के आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। दोनों जिलों में 30 जून तक सभी बच्चों के बैंक खाते उनके आधार कार्ड से जुड़ जाएंगे। इस प्रकार प्रदेश के करीब 21 लाख विद्यार्थी इस योजना से लाभान्वित होंगे।
प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हो चुका है। इस अधिनियम के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी स्कूली बच्चों को वर्दी, किताबें, कापियां (स्टेशनरी) मुफ्त मुहैया कराई जाती हैं। प्रदेश सरकार भी पहली से
12वीं कक्षा तक के अनुसूचित जाति, पिछड़ी श्रेणी और बीपीएल परिवारों के बच्चों को 75 रुपये से 600 रुपये तक मासिक वजीफा देती है। यह राशि करोड़ों रुपये में है। 14 अप्रैल को प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति के बच्चों की वजीफा राशि बढ़ा दी है। अनुसूचित जाति के बच्चों को एकमुश्त राशि भी दी जाती है। इस वजीफे के अतिरिक्त राज्य सरकार कई प्रकार की छात्रवृत्ति भी देती है। तीस जून से पहले खुलेंगे खाते अंबाला में पहली से आठवीं कक्षा तक इस साल 63785 बच्चे हैं जबकि सोनीपत जिले में 100975 बच्चे हैं। इनमें से आधे बच्चों के आधार कार्ड बन गए हैं। स्कूलों में शिविर लगाए जा रहे हैं ताकि 30 जून से पहले आधार कार्ड बन जाएं और बैंक खाते जुड़ जाएं। अभी ऐसे मिलता है पैसा शिक्षा विभाग से पैसे स्कूलों में जाते हैं। वहां से स्कूल प्रबंधक कमेटी यह राशि स्कूली बच्चों को बैंक ड्राफ्ट बनाकर देती है। नई योजना से बच्चों के खाते में सीधे पैसे पहुंचेंगे। हां, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को सभी योजनाओं के पैसे सीधे बैंक खाते में पहुंचाने की योजना पर काम चल रहा है। अंबाला और सोनीपत जिले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शामिल किए जाएंगे। सफल रही तो शेष जिलों में भी लागू करेंगे। सुरीना राजन, प्रधान सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग, हरियाणा
12वीं कक्षा तक के अनुसूचित जाति, पिछड़ी श्रेणी और बीपीएल परिवारों के बच्चों को 75 रुपये से 600 रुपये तक मासिक वजीफा देती है। यह राशि करोड़ों रुपये में है। 14 अप्रैल को प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति के बच्चों की वजीफा राशि बढ़ा दी है। अनुसूचित जाति के बच्चों को एकमुश्त राशि भी दी जाती है। इस वजीफे के अतिरिक्त राज्य सरकार कई प्रकार की छात्रवृत्ति भी देती है। तीस जून से पहले खुलेंगे खाते अंबाला में पहली से आठवीं कक्षा तक इस साल 63785 बच्चे हैं जबकि सोनीपत जिले में 100975 बच्चे हैं। इनमें से आधे बच्चों के आधार कार्ड बन गए हैं। स्कूलों में शिविर लगाए जा रहे हैं ताकि 30 जून से पहले आधार कार्ड बन जाएं और बैंक खाते जुड़ जाएं। अभी ऐसे मिलता है पैसा शिक्षा विभाग से पैसे स्कूलों में जाते हैं। वहां से स्कूल प्रबंधक कमेटी यह राशि स्कूली बच्चों को बैंक ड्राफ्ट बनाकर देती है। नई योजना से बच्चों के खाते में सीधे पैसे पहुंचेंगे। हां, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को सभी योजनाओं के पैसे सीधे बैंक खाते में पहुंचाने की योजना पर काम चल रहा है। अंबाला और सोनीपत जिले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शामिल किए जाएंगे। सफल रही तो शेष जिलों में भी लागू करेंगे। सुरीना राजन, प्रधान सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग, हरियाणा
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