संकट में डीम्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त चयनित उम्मीदवारों का भविष्य
यूजीसी की गाइडलाइंस पर खरा उतरे तभी मिलेंगे नियुक्ति पत्र
चंडीगढ़ : डीम्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त नव चयनित
पीजीटी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शिक्षा निदेशालय ने
अब पीजीटी की नियुक्तियों में
यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन)
की 2013 में जारी गाइडलाइंस
का पेंच फंसा दिया है। डिग्रियां व
अन्य शैक्षणिक योग्यताओं को अब
इन गाइडलाइंस की कसौटी पर
परखा जाएगा। अगर दस्तावेज
यूजीसी के दिशा-निर्देशों पर
खरा उतरे तभी नियुक्ति पत्र मिलेंगे।
सेकेंडरी शिक्षा विभाग के
महानिदेशक विवेक अत्रे व अतिरिक्त
निदेशक एमके आहूजा सोमवार
को यूजीसी अधिकारियों से नई
दिल्ली में इसी मुद्दे पर बैठक करने
जा रहे हैं। इससे पहले एमके
आहूजा बैठक कर चुके हैं, लेकिन तब
यूजीसी ने दिशा-
निर्देशों की कापी नहीं दी। इस बार
महानिदेशक विवेक अत्रे खुद
अधिकारियों से मिलने जा रहे हैं,
ताकि 2013 की गाइडलाइंस हासिल
की जा सकें। इनके आधार पर
ही पीजीटी के भविष्य
का फैसला होना है।
सूत्रों के अनुसार शिक्षा निदेशालय
यूजीसी की गाइडलाइंस से 2012
में पीजीटी के पद भरने के लिए निकाले गए विज्ञापन का मिलान करेगा। इसमें यह देखा जाएगा कि विज्ञापन के नियम व शर्ते दिशा-निर्देशों के अनुसार हैं या नहीं। इनके अध्ययन के बाद आगामी सप्ताह ही पीजीटी को नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले शिक्षा विभाग के अधिकारी लगभग 300 पीजीटी की डीम्ड यूनिवर्सिटी की डिग्रियों पर भी सवाल उठा चुके हैं। इसके लिए तीन अलग-अलग टीमें गठित की गई थीं, जिन्होंने आइएइएई यूनिवर्सिटी राजस्थान, जेआरएन विद्यापीठ राजस्थान, विनायक मिशन यूनिवर्सिटी तमिलनाडू व बेंगलूर यूनिवर्सिटी में लाकर डिग्रियों की जांच की। इसमें डिग्री सही पाई जा चुकी हैं। इन्हीं यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त उम्मीदवार शिक्षा विभाग में पहले नौकरी पा चुके हैं, और कार्य करते हुए एक वर्ष से अधिक का समय भी बीत चुका है। इसके अलावा तीन सौ बीआरसी की नियुक्ति की गई है और कर्मचारी प्रमोशन भी पा रहे हैं। लेकिन, पीजीटी की नियुक्तियों में इतनी गहन छानबीन क्यों हो रही है? इसका उद्देश्य अभी तक शिक्षा विभाग भी समझाने में नाकामयाब रहा है। सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक विवेक अत्रे का कहना है कि पीजीटी की नियुक्तियों में इसलिए पारदर्शिता बरती जा रही है ताकि कोई उंगली न उठा सके। सोमवार को यूजीसी अधिकारियों से बैठक के लिए विशेष तौर पर समय लिया गया है। 2013 की पीजीटी नियुक्ति संबंधी गाइडलाइंस हासिल कर इंतजार कर रहे उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग पर निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री जल्द दिलाएं नियुक्ति पत्र नव चयनित अनुभवी एवं डीम्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त पीजीटी रमेश, सुखदेव व लखविंद्र ने बताया कि नियुक्ति पाने के लिए वे 40 दिन से क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं। तरह-तरह की जांच के नाम पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने 30 जून तक नियुक्ति पत्र जारी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से उनकी मांग है कि जल्द उन्हें नियुक्ति पत्र दिलाएं, चूंकि उनकी डिग्रियां वैध हैं।
में पीजीटी के पद भरने के लिए निकाले गए विज्ञापन का मिलान करेगा। इसमें यह देखा जाएगा कि विज्ञापन के नियम व शर्ते दिशा-निर्देशों के अनुसार हैं या नहीं। इनके अध्ययन के बाद आगामी सप्ताह ही पीजीटी को नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले शिक्षा विभाग के अधिकारी लगभग 300 पीजीटी की डीम्ड यूनिवर्सिटी की डिग्रियों पर भी सवाल उठा चुके हैं। इसके लिए तीन अलग-अलग टीमें गठित की गई थीं, जिन्होंने आइएइएई यूनिवर्सिटी राजस्थान, जेआरएन विद्यापीठ राजस्थान, विनायक मिशन यूनिवर्सिटी तमिलनाडू व बेंगलूर यूनिवर्सिटी में लाकर डिग्रियों की जांच की। इसमें डिग्री सही पाई जा चुकी हैं। इन्हीं यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त उम्मीदवार शिक्षा विभाग में पहले नौकरी पा चुके हैं, और कार्य करते हुए एक वर्ष से अधिक का समय भी बीत चुका है। इसके अलावा तीन सौ बीआरसी की नियुक्ति की गई है और कर्मचारी प्रमोशन भी पा रहे हैं। लेकिन, पीजीटी की नियुक्तियों में इतनी गहन छानबीन क्यों हो रही है? इसका उद्देश्य अभी तक शिक्षा विभाग भी समझाने में नाकामयाब रहा है। सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक विवेक अत्रे का कहना है कि पीजीटी की नियुक्तियों में इसलिए पारदर्शिता बरती जा रही है ताकि कोई उंगली न उठा सके। सोमवार को यूजीसी अधिकारियों से बैठक के लिए विशेष तौर पर समय लिया गया है। 2013 की पीजीटी नियुक्ति संबंधी गाइडलाइंस हासिल कर इंतजार कर रहे उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग पर निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री जल्द दिलाएं नियुक्ति पत्र नव चयनित अनुभवी एवं डीम्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त पीजीटी रमेश, सुखदेव व लखविंद्र ने बताया कि नियुक्ति पाने के लिए वे 40 दिन से क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं। तरह-तरह की जांच के नाम पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने 30 जून तक नियुक्ति पत्र जारी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से उनकी मांग है कि जल्द उन्हें नियुक्ति पत्र दिलाएं, चूंकि उनकी डिग्रियां वैध हैं।
No comments:
Post a Comment