Tuesday, July 29, 2014

A BEAUTIFUL POEM BY HARIVANSH RAI BACCHAN

यहाँ सब कुछ बिकता है , दोस्तों रहना जरा संभाल के !!!बेचने वाले हवा 

भी बेच देते है , गुब्बारों में डाल के !!!सच बिकता है ,

 झूट बिकता है, बिकती है हर कहानी !!!तीन लोक में फेला है , फिर भी

 बिकता है बोतल में पानी!!!कभी फूलों की तरह मत जीना,जिस दिन 


खिलोगे... टूट कर बिखर्र जाओगे ।जीना है तो पत्थर की तरह 

जियो;जिस दिन तराशे गए... "खुदा" बन जाओगे ।।--हरिवंशराय बच्चन

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