हिसार - प्रदेश के हजारों गेस्ट टीचर एक बार फिर आंदोल की राह पर जाते दिखाई दे रहे है। गेस्ट टीचरों ने मांग की है कि सरकार उन्हें तीन साल वाली पालिसी में शामिल कर जल्द से जल्द नियमित करें। इसी को लेकर गेस्ट टीचरों ने आज जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर एस डी एम के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और तीन साल वाली पालिसी में शामिल करने की मांग की।
गेस्ट टीचरों ने सरकार की वायदाखिलाफी से नाराज आर पार की लड़ाई का मन बना लिया है। गेस्ट टीचरों का कहना है कि वो सरकार द्वारा जारी तीन साल वाली पालिसी की सभी शर्ते पूरी करते है जबकि उन्हें इसमें शामिल नही किया जा रहा है। सरकार ने पालिसी बनाकर उन्हें जल्द से जल्द नियमित करने का वादा किया था । वहीं प्रदेश के अतिथि अध्यापक एक महीने तक सरकार के वायदे पुरे करने का शांति पूर्वक तरीके से इंतजार करते रहे लेकिन सरकार ने शिवाय वायदाखिलाफी के कुछ नही किया जिससे सभी अतिथि अध्यापक नाराज है। इसी से नाराज होकर प्रदेश के हजारों गेस्ट टीचरों ने एक बार फिर आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया
है। हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के हिसार के नवनियुक्त संयोजक अजय लोहान व सह संयोजक ईश्वर बरवाला ने बताया कि एक महीने बाद आचार सहिता लगने वाली है जिसको लेकर अतिथि अध्यापक डरे हुए है। गेस्ट टीचरों ने अपने हकों की लड़ाई लडऩे के लिए अनेक आंदोलन कर सरकार को चेताने का काम भी किया था। वहीं सरकार के कुछ नेताओं ने गेस्ट टीचरों को पक्का करने का आस्वाशन भी दिया था लेकिन गेस्ट टीचर अब तक अधर में ही लटके हुए है। एक बार फिर गेस्ट टीचर सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 में हरियाणा सरकार ने करीब 15 हजार गेस्ट टीचरों की नियुक्ति की थी। उसके बाद सरकारी स्कूलों में गेस्ट टीचर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। पिछले दिनों दिल्ली में लगातार 17 दिनों तक गेस्ट टीचर आमरण अनशन पर बैठे रहे। सरकार की चूलें हिलने लगी तब भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्वयं आकर अनशन खत्म करवाया और उन्हें पक्का करने का आस्वाशन भी दिया। लेकिन अभी तक प्रदेश के गेस्ट टीचरों को पक्का न करके उनकी उपेक्षा की है। आने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें गेस्ट टीचरों का विरोध झेलना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि 13 जुलाई को कुरुक्षेत्र में सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे जिसका विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। क्योंकि 13 जुलाई को सभी गेस्ट टीचर एक बार फिर ठोस फैसला लेंगे।
है। हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के हिसार के नवनियुक्त संयोजक अजय लोहान व सह संयोजक ईश्वर बरवाला ने बताया कि एक महीने बाद आचार सहिता लगने वाली है जिसको लेकर अतिथि अध्यापक डरे हुए है। गेस्ट टीचरों ने अपने हकों की लड़ाई लडऩे के लिए अनेक आंदोलन कर सरकार को चेताने का काम भी किया था। वहीं सरकार के कुछ नेताओं ने गेस्ट टीचरों को पक्का करने का आस्वाशन भी दिया था लेकिन गेस्ट टीचर अब तक अधर में ही लटके हुए है। एक बार फिर गेस्ट टीचर सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 में हरियाणा सरकार ने करीब 15 हजार गेस्ट टीचरों की नियुक्ति की थी। उसके बाद सरकारी स्कूलों में गेस्ट टीचर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। पिछले दिनों दिल्ली में लगातार 17 दिनों तक गेस्ट टीचर आमरण अनशन पर बैठे रहे। सरकार की चूलें हिलने लगी तब भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्वयं आकर अनशन खत्म करवाया और उन्हें पक्का करने का आस्वाशन भी दिया। लेकिन अभी तक प्रदेश के गेस्ट टीचरों को पक्का न करके उनकी उपेक्षा की है। आने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें गेस्ट टीचरों का विरोध झेलना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि 13 जुलाई को कुरुक्षेत्र में सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे जिसका विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। क्योंकि 13 जुलाई को सभी गेस्ट टीचर एक बार फिर ठोस फैसला लेंगे।
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