चंडीगढ़ : प्रदेश
की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल व
विभाग
की प्रधान सचिव सुरीना राजन के बीच
लंबे समय से चल
रही खींचतान ने शिक्षा निदेशालय का एक और
विकेट
गिरा दिया है। इस बार उच्च अधिकारियों के मनमाने निर्णय लेने
की गाज मौलिक शिक्षा महानिदेशक डी सुरेश पर
गिरी है।
डी सुरेश के चुनाव ड्यूटी के दौरान
सेकेंडरी शिक्षा विभाग के
महानिदेशक चंद्रशेखर भी नप चुके हैं। उन्हें
भी संवेदनशील मामलों में
शिक्षा मंत्री को विश्वास में न लेने
का खमियाजा भुगतना पड़ा था।
शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन और
शिक्षा मंत्री के बीच छत्तीस का आंकड़ा होने की बात किसी से छुपी नहीं हैं। प्रधान सचिव कई मामलों में शिक्षा मंत्री को नजरअंदाज कर फैसले ले चुकी हैं, जिनके चलते सरकार को किरकिरी का सामना करना पड़ा। निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिला को लेकर शिक्षा निदेशालय ने कई ऐसे निर्णय लिए, जिनके चलते अभिभावकों ने कई बार धरना-प्रदर्शन किया।
शिक्षा मंत्री के बीच छत्तीस का आंकड़ा होने की बात किसी से छुपी नहीं हैं। प्रधान सचिव कई मामलों में शिक्षा मंत्री को नजरअंदाज कर फैसले ले चुकी हैं, जिनके चलते सरकार को किरकिरी का सामना करना पड़ा। निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिला को लेकर शिक्षा निदेशालय ने कई ऐसे निर्णय लिए, जिनके चलते अभिभावकों ने कई बार धरना-प्रदर्शन किया।
No comments:
Post a Comment