Wednesday, June 18, 2014

GRROUP C AND D KI REGULARISATION POLICY KO MANJOORI

चंडीगढ़, 18 जून - हरियाणा सरकार ने अनुबंध आधार पर नियुक्त ग्रुप -‘सी’ तथा ग्रुप-‘डी’ के तीन वर्ष की सेवा अवधि पूरी करने वाले कर्मचारियों की नियमितीकरण नीति को आज स्वीकृति प्रदान कर दी। एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इस नीति के अंतर्गत सरकारी या सरकार द्वारा अनुमोदित एजेंसी के माध्यम से अनुबंध आधार पर कार्यरत ग्रुप -‘सी’ तथा ग्रुप-‘डी’ के ऐसे कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित किया जायेगा, जिन्होंने 28 मई, 2014 को कम से कम तीन वर्ष के लिए लगातार कार्य किया हो तथा जो अब भी सेवा में हैं। उन्होंने बताया कि कर्मचारी नियुक्ति की तिथि को पद के लिये निर्धारित न्यूनतम योग्यताएं रखता हो। जिस पद के विरूद्घ नियमितीकरण किया जाना है वह आरंभिक नियुक्ति तथा नियमितीकरण के समय स्वीकृत रिक्त पद होना चाहिए। नियमितीकरण के समय सरकार द्वारा समय समय पर जारी की गई आरक्षण नीति को भी ध्यान में रखा जायेगा। यदि आरक्षित वर्ग के रोस्टर को सामान्य या अन्य वर्ग द्वारा भरा गया है तो अगली रिक्ति को आरक्षित वर्ग से भरा जायेगा। ऐसे कर्मचारी का कार्य तथा आचरण पूर्णत: संतोषजनक होना चाहिए। सेवा के
नियमितीकरण के उपरांत कर्मचारी पर अंशदान पैंशन स्कीम लागू होगी। संबंधित कर्मचारी से चिकित्सा प्रमाण पत्र तथा जन्म तिथि का दस्तावेजी सबूत प्राप्त किया जायेगा। इसके अतिरिक्त, पूर्ववृत सरकारी हिदायतों के अनुसार पुलिस द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए यदि पहले नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि उपरोक्त मापदण्ड में किसी भी प्रकार की छूट की अनुमति नहीं दी जायेगी। ऐसे पद, जिनके विरूद्ध नियमितीकरण विचाराधीन है, को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग अथवा समक्ष प्राधिकारी के कार्य क्षेत्र से बाहर रखा गया है। नियमित किये गये कर्मचारियों की वरिष्ठïता उनके नियमितीकरण की तिथि से नियत की जायेगी तथा उन्हें उनकी सेवाएं नियमित किये जाने से पूर्व नियमित आधार पर अंतिम नियुक्त कर्मचारियों की वरिष्ठïता से नीचे रखा जायेगा। बहरहाल, ऐसे कर्मचारियों की परस्पर वरिष्ठïता उन द्वारा अनुबंध आधार पर उनके सेवा में आने की तिथि के अनुसार निर्धारित की जायेगी। यदि ऐसे कर्मचारियों की सेवा में आने की तिथि एक ही है तो जो कर्मचारी आयु में बड़ा होगा वह आयु में छोटे कर्मचारी से वरिष्ठï होगा। चुंकि, यह नीति लोकोपकारी आधार पर एक मुश्त उपाय है, इस लिये निर्धारित शर्तों को पूरा न करने के कारण अनुपयुक्त पाया गया कोई भी व्यक्ति अधिकार की दृष्टिï से इसका दावा करने का हकदार नहीं होगा। भविष्य में, तदर्थ या अनुबंध आधार पर कोई भी गैर कानूनी या अनियमित नियुक्ति या नियोजन स्वीकृत पदों के विरूद्ध नहीं किया जायेगा। नीति में यह भी स्पष्टï किया गया है कि विभागों द्वारा पूर्वानुमानित रिक्तियों के आधार पर रिक्त पदों को भरने के लिये अपने आग्रह भेजे गये होंगे तथा हो सकता है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विज्ञापन भी जारी किये गये हो। यदि ऐसे कर्मचारियों के नियमितीकरण के फलस्वरूप विभागों में उपलब्ध रिक्तियों की संख्या परिवर्तित होती है तो हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग या सामान्य प्रशासन विभाग को पहले भेजी गई मांग प्रभावित हो सकती है। इसके दृष्टिïगत सभी विभागों से कहा गया है कि वे यह गणना करें कि अपने कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित किये जाने के उपरांत हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग या सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी गई रिक्तियों की संख्या में बदलाव आया है या नहीं। यदि ऐसा हो तो वे इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर शुद्धिपत्र जारी कर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग या सामान्य प्रशासन विभाग को अपना आग्रह भेजे।

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