भास्कर न्यूज त्न चंडीगढ़
शिक्षा विभाग इन दिनों अपनी कार्यप्रणाली के चलते विवादों में है। ताजा विवाद पोस्ट ग्रेजुएट टीचरों (पीजीटी) की भर्ती से जुड़ा है। विभाग ने पहले तो टीचरों का चयन कर लिया, लेकिन जब कुछ टीचरों के प्रमाण पत्रों पर शक हुआ, तो उनकी ज्वाइनिंग रोक दी। इधर, नियुक्ति न होता देख सैकड़ों पीजीटी अभ्यर्थी शिक्षा सदन के बाहर धरने पर बैठे हैं।
शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल कह रही हैं कि पहले इनके प्रमाण पत्रों की जांच होगी, इसके बाद ही ज्वाइन कराया जाएगा। इससे पहले शिक्षा विभाग ने अधिनियम 134 ए के तहत होने वाले दाखिलों की प्रवेश परीक्षा की फाइल लटकाए रखी। बाद में सरकारी अध्यापकों की ट्रेनिंग नीड असेस्मेंट टेस्ट लेने का निर्णय लिया।जिसे बाद में टीचरों के विरोध के कारण रद्द करना पड़ा।
सर्टिफिकेट पर संदेह
एक साल पहले हुई थी भर्ती
शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कुछ अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट पर शंका है। इसलिए इनकी ज्वाइनिंग नहीं कराई जा रही, लेकिन जब दबाव बढ़ा तो अब सर्टिफिकेट्स की जांच की बात कही जा रही है। लेकिन विभाग के अधिकारियों की ओर से गलती
यह हुई कि चयन प्रक्रिया से पहले ही सर्टिफिकेट्स की जांच होनी चाहिए थी, लेकिन तब यह काम नहीं किया गया। अब जांच के लिए कमेटी बनाने की बात की जा रही है। उनके साथ अन्याय क्यों : इधर, प्रदर्शन कर रहे टीचर्स का कहना है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। जान-बूझकर उनकी ज्वाइनिंग को लटकाया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारी दोहरा मापदंड अपना रहे हैं। शिक्षा विभाग ने यह भर्ती एक साल पहले की थी। विभाग की ओर से पीजीटी के सलेक्शन की तीन केटेगरी बनाई गई। पहले थे डीम्ड यूनिवर्सिटी से पास आउट, दूसरे हरियाणा टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (एचटेट) पास करने वाले और तीसरी श्रेणी थी अनुभव प्राप्त शिक्षक। विभाग ने डीम्ड केटेगरी में तीन हजार, एचटेट में 1,344 और अनुभव प्राप्त वर्ग में 1500 पद पर नियुक्ति की गई। तब उठा विवाद : शिक्षण अनुभव वर्ग में 625, एचटेट में 100 और डीम्ड यूनिवर्सिटी से पास आउट हुए दो हजार टीचर को चुने जाने के बाद नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। पत्र न मिलने से अभ्यर्थियों ने विरोध जताया, लेकिन जब बात नहीं बनी तो विभाग के मुख्यालय के सामने धरना शुरू कर दिया। शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल: चयनित उम्मीदवारों में रोष, कहा - चयन से पहले क्यों नहीं जांचे सर्टिफि केट शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि डीम्ड यूनिवर्सिटी के जारी प्रमाण पत्रों की जांच होनी है। इसके लिए कमेटी बनाई गई है। प्रमाण पत्रों की जांच में कुछ समय तो लगता ही है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे। -गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री, हरियाणा
यह हुई कि चयन प्रक्रिया से पहले ही सर्टिफिकेट्स की जांच होनी चाहिए थी, लेकिन तब यह काम नहीं किया गया। अब जांच के लिए कमेटी बनाने की बात की जा रही है। उनके साथ अन्याय क्यों : इधर, प्रदर्शन कर रहे टीचर्स का कहना है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। जान-बूझकर उनकी ज्वाइनिंग को लटकाया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारी दोहरा मापदंड अपना रहे हैं। शिक्षा विभाग ने यह भर्ती एक साल पहले की थी। विभाग की ओर से पीजीटी के सलेक्शन की तीन केटेगरी बनाई गई। पहले थे डीम्ड यूनिवर्सिटी से पास आउट, दूसरे हरियाणा टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (एचटेट) पास करने वाले और तीसरी श्रेणी थी अनुभव प्राप्त शिक्षक। विभाग ने डीम्ड केटेगरी में तीन हजार, एचटेट में 1,344 और अनुभव प्राप्त वर्ग में 1500 पद पर नियुक्ति की गई। तब उठा विवाद : शिक्षण अनुभव वर्ग में 625, एचटेट में 100 और डीम्ड यूनिवर्सिटी से पास आउट हुए दो हजार टीचर को चुने जाने के बाद नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। पत्र न मिलने से अभ्यर्थियों ने विरोध जताया, लेकिन जब बात नहीं बनी तो विभाग के मुख्यालय के सामने धरना शुरू कर दिया। शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल: चयनित उम्मीदवारों में रोष, कहा - चयन से पहले क्यों नहीं जांचे सर्टिफि केट शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि डीम्ड यूनिवर्सिटी के जारी प्रमाण पत्रों की जांच होनी है। इसके लिए कमेटी बनाई गई है। प्रमाण पत्रों की जांच में कुछ समय तो लगता ही है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे। -गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री, हरियाणा
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