हरियाणा सरकार ने अनुबंध तथा तदर्थ आधार पर नियुक्त ग्रुप -'खÓ के कर्मचारियों की नियमितीकरण नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि नियमितीकरण नीति में किये गये संशोधन के अनुसार संबंधित कर्मचारी की नियुक्ति स्वीकृत रिक्त पद पर की गई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकारी या सरकार द्वारा अनुमोदित एजेंसी के माध्यम से अनुबंध आधार पर कार्यरत गु्रप -'खÓ के ऐसे कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित किया जायेगा जिन्होंने 28 मई, 2014 को कम से कम तीन वर्ष के लिए लगातार कार्य किया हो तथा जो अब भी सेवा में हैं। इसके अतिरिक्त, कर्मचारी नियुक्ति की तिथि को पद के लिये न्यूनतम विहित योग्यताएं रखता हो। जिस पद के विरूद्घ नियमितीकरण किया जाना है वह आरंभिक नियुक्ति तथा नियमितीकरण के समय स्वीकृत रिक्त पद होना चाहिए। नियमितीकरण के समय सरकार द्वारा समय समय पर जारी की गई आरक्षण नीति को भी ध्यान में रखा जायेगा। यदि आरक्षित वर्ग के रोस्टर को सामान्य या अन्य वर्ग द्वारा भरा गया है तो अगली रिक्ति को आरक्षित वर्ग से भरा जायेगा। ऐसे कर्मचारी का कार्य तथा आचरण पूर्णत: संतोषजनक
होना चाहिए। सेवा के नियमितीकरण के उपरांत कर्मचारी पर अंशदान पैंशन स्कीम लागू होगी। संबंधित कर्मचारी से चिकित्सा प्रमाण पत्र तथा जन्म तिथि का दस्तावेजी सबूत प्राप्त किया जायेगा। इसके अतिरिक्त, पूर्ववृत सरकारी हिदायतों के अनुसार पुलिस द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए यदि पहले नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि उपरोक्त मापदण्ड में कोई भी छूट अनुज्ञात नहीं की जायेगी। अनुबंध आधार पर कार्यरत गु्रप ख कर्मचारियों को नियमितीकरण सम्यक प्रक्रिया अपनाने के उपरांत सम्बद्घ विभाग द्वारा अधिसूचना के जारी होने की तिथि से किया जायेगा। ऐसे पद, जिनके विरूद्घ नियमितीकरण विचाराधीन है, को हरियाणा लोक सेवा आयोग के कार्य क्षेत्र से बाहर निकाला जाना अपेक्षित है। इस प्रकार संबंधित विभागों को हरियाणा लोक सेवा आयोग के परामर्श से ऐसे कर्मचारियों की सेवाओं के नियमितीकरण के लिये अपेक्षित प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इस प्रकार नियमित किये गये कर्मचारियों की वरिष्ठïता उनके नियमितीकरण की तिथि से नियत की जायेगी तथा उन्हें उनकी सेवाएं नियमित किये जाने से पूर्व नियमित आधार पर अंतिम नियुक्त कर्मचारियों की वरिष्ठïता से नीचे रखा जायेगा। बहरहाल, ऐसे कर्मचारियों की परस्पर वरिष्ठïता उन द्वारा अनुबंध आधार पर उनके सेवा में आने की तिथि के अनुसार निर्धारित की जायेगी। यदि ऐसे कर्मचारियों की सेवा में आने की तिथि एक ही है तो जो कर्मचारी आयु में बड़ा होगा वह आयु में छोटे कर्मचारी से वरिष्ठï होगा। चुंकि, यह नीति लोकोपकारी आधार पर एक मुश्त उपाय है, इस लिये निर्धारित शर्तों को पूरा न करने के कारण अनुपयुक्त पाया गया कोई भी व्यक्ति अधिकार की दृष्टिï से इसका दावा करने का हकदार नहीं होगा। भविष्य में, तदर्थ या अनुबंध आधार पर कोई भी गैर कानूनी या अनियमित नियुक्ति या नियोजन स्वीकृत पदों के विरूद्घ नहीं किया जायेगा। यह भी स्पष्टï किया जाता है कि विभागों ने पूर्वानुमानित रिक्तियों के आधार पर रिक्त पदों को भरने के लिये अपने आग्रह भेजे होंगे तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन भी जारी किया गया होगा। लेकिन ऐसे कर्मचारियों के नियमितीकरण के फलस्वरूप विभागों में उपलब्ध रिक्तियों की संख्या परिवर्तित होगी तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग को पहले भेजी गई मांग प्रभावित हो सकती है। अत: सभी विभागों से आग्रह किया गया है कि वे यह गणना करें कि अपने कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित किये जाने के उपरांत हरियाणा लोक सेवा आयोग को भेजी गई रिक्तियों की संख्या में बदलाव आया है या नहीं। यदि ऐसा हो तो वे इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर शुद्घिपत्र जारी कर आयोग को अपना आग्रह भेजे। तदर्थ गु्रप - 'खÓ कर्मचारियों को नियमितीकरण नियमितीकरण नीति में किये गये संशोधन के अनुसार तदर्थ आधार पर लगे ग्रुप-बी के ऐसे कर्मचारी जो 7 मार्च, 1996 की नीति के अंतर्गत पात्र थे लेकिन सरकार द्वारा 8 दिसम्बर, 1997 को नीति वापिस लेने के कारण नियमित होने से वंचित रह गये थे, को भी उसी तिथि से नियमित किया जायेगा जिस तिथि को वे वर्ष 1996 की नीति के अनुसार पात्र थे। इसके अलावा, तदर्थ आधार पर लगे ग्रुप ख के कर्मचारियों के नियमितीकरण की अन्य शर्तें पूर्ववत ही रहेंगी। नियमितीकरण का यह निर्णय उन कर्मचारियों पर ही लागू होगा जो इस समय सेवा में हैं।
होना चाहिए। सेवा के नियमितीकरण के उपरांत कर्मचारी पर अंशदान पैंशन स्कीम लागू होगी। संबंधित कर्मचारी से चिकित्सा प्रमाण पत्र तथा जन्म तिथि का दस्तावेजी सबूत प्राप्त किया जायेगा। इसके अतिरिक्त, पूर्ववृत सरकारी हिदायतों के अनुसार पुलिस द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए यदि पहले नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि उपरोक्त मापदण्ड में कोई भी छूट अनुज्ञात नहीं की जायेगी। अनुबंध आधार पर कार्यरत गु्रप ख कर्मचारियों को नियमितीकरण सम्यक प्रक्रिया अपनाने के उपरांत सम्बद्घ विभाग द्वारा अधिसूचना के जारी होने की तिथि से किया जायेगा। ऐसे पद, जिनके विरूद्घ नियमितीकरण विचाराधीन है, को हरियाणा लोक सेवा आयोग के कार्य क्षेत्र से बाहर निकाला जाना अपेक्षित है। इस प्रकार संबंधित विभागों को हरियाणा लोक सेवा आयोग के परामर्श से ऐसे कर्मचारियों की सेवाओं के नियमितीकरण के लिये अपेक्षित प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इस प्रकार नियमित किये गये कर्मचारियों की वरिष्ठïता उनके नियमितीकरण की तिथि से नियत की जायेगी तथा उन्हें उनकी सेवाएं नियमित किये जाने से पूर्व नियमित आधार पर अंतिम नियुक्त कर्मचारियों की वरिष्ठïता से नीचे रखा जायेगा। बहरहाल, ऐसे कर्मचारियों की परस्पर वरिष्ठïता उन द्वारा अनुबंध आधार पर उनके सेवा में आने की तिथि के अनुसार निर्धारित की जायेगी। यदि ऐसे कर्मचारियों की सेवा में आने की तिथि एक ही है तो जो कर्मचारी आयु में बड़ा होगा वह आयु में छोटे कर्मचारी से वरिष्ठï होगा। चुंकि, यह नीति लोकोपकारी आधार पर एक मुश्त उपाय है, इस लिये निर्धारित शर्तों को पूरा न करने के कारण अनुपयुक्त पाया गया कोई भी व्यक्ति अधिकार की दृष्टिï से इसका दावा करने का हकदार नहीं होगा। भविष्य में, तदर्थ या अनुबंध आधार पर कोई भी गैर कानूनी या अनियमित नियुक्ति या नियोजन स्वीकृत पदों के विरूद्घ नहीं किया जायेगा। यह भी स्पष्टï किया जाता है कि विभागों ने पूर्वानुमानित रिक्तियों के आधार पर रिक्त पदों को भरने के लिये अपने आग्रह भेजे होंगे तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन भी जारी किया गया होगा। लेकिन ऐसे कर्मचारियों के नियमितीकरण के फलस्वरूप विभागों में उपलब्ध रिक्तियों की संख्या परिवर्तित होगी तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग को पहले भेजी गई मांग प्रभावित हो सकती है। अत: सभी विभागों से आग्रह किया गया है कि वे यह गणना करें कि अपने कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित किये जाने के उपरांत हरियाणा लोक सेवा आयोग को भेजी गई रिक्तियों की संख्या में बदलाव आया है या नहीं। यदि ऐसा हो तो वे इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर शुद्घिपत्र जारी कर आयोग को अपना आग्रह भेजे। तदर्थ गु्रप - 'खÓ कर्मचारियों को नियमितीकरण नियमितीकरण नीति में किये गये संशोधन के अनुसार तदर्थ आधार पर लगे ग्रुप-बी के ऐसे कर्मचारी जो 7 मार्च, 1996 की नीति के अंतर्गत पात्र थे लेकिन सरकार द्वारा 8 दिसम्बर, 1997 को नीति वापिस लेने के कारण नियमित होने से वंचित रह गये थे, को भी उसी तिथि से नियमित किया जायेगा जिस तिथि को वे वर्ष 1996 की नीति के अनुसार पात्र थे। इसके अलावा, तदर्थ आधार पर लगे ग्रुप ख के कर्मचारियों के नियमितीकरण की अन्य शर्तें पूर्ववत ही रहेंगी। नियमितीकरण का यह निर्णय उन कर्मचारियों पर ही लागू होगा जो इस समय सेवा में हैं।
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