नई दिल्ली/मुंबई/चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव में कांग्रेस
की करारी हार की गाज उसके तीन मुख्यमंत्रियों पर गिर
सकती है। पार्टी महाराष्ट्र, असम और हरियाणा में नेतृत्व
परिवर्तन कर सकती है। वहीं, उत्तर प्रदेश सहित आठ से 10 राज्यों में
पार्टी संगठन में बदलाव किया जा सकता है। ऐसे राज्यों में प्रदेश
कांग्रेस अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। हरियाणा में कांग्रेस 10 में से एक
ही लोकसभा सीट जीत सकी थी। इस वजह से यहां भी नेतृत्व
परिवर्तन की संभावना है। मुख्यमंत्री के लिए कुमारी सैलजा के
नाम की चर्चा है। हालांकि, एक धड़े की मानें
तो पार्टी फिलहाल हुड्डा को बनाए रखेगी।
क्योंकि पार्टी जाट मतदाताओं को नाराज
नहीं करना चाहती।
वैसे पहला परिवर्तन महाराष्ट्र में संभावित है। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज
चह्वाण की जगह पूर्व
केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे को कमान सौंपी जा सकती है। वे पार्टी का दलित चेहरा हैं। इस संबंध में एके एंटनी और अहमद पटेल ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। पवार ने भी शिंदे के नाम पर सहमति दे दी है। शिंदे के सीएम बनने से कांग्रेस-एनसीपी की दूरियां कम हो सकती है। चर्चा है कि पवार महाराष्ट्र में बसपा से भी गठबंधन चाहते हैं। उन्होंने हाल ही में मायावती से मुलाकात भी की थी। असम में भी नेतृत्व परिवर्तन के संकेत हैं। लोकसभा चुनाव के बाद से सीएम तरुण गोगोई के खिलाफ 40 से ज्यादा विधायक बगावत कर चुके हैं। यहां 2016 में चुनाव होने हैं। इधर, दिल्ली में विधानसभा चुनाव की संभावना को देखते हुए अजय माकन को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है।
केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे को कमान सौंपी जा सकती है। वे पार्टी का दलित चेहरा हैं। इस संबंध में एके एंटनी और अहमद पटेल ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। पवार ने भी शिंदे के नाम पर सहमति दे दी है। शिंदे के सीएम बनने से कांग्रेस-एनसीपी की दूरियां कम हो सकती है। चर्चा है कि पवार महाराष्ट्र में बसपा से भी गठबंधन चाहते हैं। उन्होंने हाल ही में मायावती से मुलाकात भी की थी। असम में भी नेतृत्व परिवर्तन के संकेत हैं। लोकसभा चुनाव के बाद से सीएम तरुण गोगोई के खिलाफ 40 से ज्यादा विधायक बगावत कर चुके हैं। यहां 2016 में चुनाव होने हैं। इधर, दिल्ली में विधानसभा चुनाव की संभावना को देखते हुए अजय माकन को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है।
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