दोस्तों इस कहानी को मिस मत करना plzेreadएक बार एक महिला की car ख़राब हो गयी. उसेसूझ नहीं रहा था की क्या करें. वो बहुतही देर तक वहाँ वेटकरती रही की कोई आकरउसकी मदद कर दे. तभी वहाँ से एकआदमी जा रहा था. वो बहुत ही गरीबलग रहा था और भूखा भी. वो अपनी साइकिल सेउतरा और उस महिला की और बढ़ा.महिला बूढी थी. उसे डर लगरहा था की कही ये आदमी उसेनुकसान पहुंचाने तो नहीं आ रहा है.तभी वो आदमी उसकी Mercedesगाड़ी के आगे खड़े हो गया. वो धीरे सेबोला की मैडम आप क्यों नहीं गाड़ी मेंबैठ जाती है. बाहर बहुत ठण्ड है. तबतक मैंआपकी गाड़ी को देख लेता हूँ. और मेरा नाम BryanAnderson हैं.महिला को थोड़ी शांति मिली. आदमी नेदेखा की गाड़ी का केवल टायर पंक्चर हो गया हैं.पर उस बूढी महिला के लिए तो येभी बड़ी problem थी.उसने tyre बदलने का कार्य शुरू कर दिया. और कुछही देर मेंनया टायर भी लगा दिया. अब बस उसके nut-boltकसने थे.तभी महिला ने खिड़की से बहार झाँका औरकहा की “मुझे अगले शहर जाना है. यहाँ से बस गुज़ररही थी. तभी गाड़ी ख़राबहो गयी.”उसने Bryan का बहुत ही धन्यवाद किया. उसेपता था की अगर वो नहीं आता तो उसेकितनी ही मुश्किलों का सामना करनापड़ता.जल्द ही उसने टायर बदल दिया. महिलाने उससे पूछा“तुम्हारे कितने पैसे हुए बेटा?” वो इस समय Bryanजो मांगता उसे देने केलिए तैयार थी. क्योकि उसने पहलेही सारी डरावनी घटनाओं के बारे में सोचलिया था जो हो सकती थी. पर Bryanकी मदद से ऐसा कुछ नहीं हुआ.वो उसकी आभारी थी.पर Bryan ने ऐसा कुछ नहीं सोचा था. वो तो बसउसकी मदद करने आया था.उसे याद था की जिंदगी मेंकितनी ही बार लोगों ने उसकी मददकी थी. औरउसकी जिंदगी अभी तक ऐसेही चलती आई थी. निस्वार्थ मददलेकर और मदद देकर. उसने पैसो के बारे मेंकभी सोचा भी नहीं था. चाहे उसेइनकी कितनी भी जरुरत क्यों न हो.उसने कहा ” मुझे आपके पैसे नहीं चाहिए मैडम, परअगरआपको अगली बार ऐसा कोई व्यक्ति दिखे जिसेआपकी सहायता की जरुरत हो. तो उस समयकभी पीछे मत हटीयेगा. तब आप मुझेयाद करके मदद कर देना. जिंदगी ही आखिर सहयोगपर टिकी हैं.”ये कहकर वो चला गया. और महिला भी अपने सफ़रपर चलदी. रास्ते भरवो यही सोचती रही की ऐभी लोग होते है जो निस्वार्थ भाव से अनजानेलोगों की मदद कर जाते हैं.थोड़ी रात को वो एक पेट्रोल पंप केपास से गुजरी.पास ही में एक होटल भी था. उसनेसोचा की कुछ खाने के बाद बाकि का सफ़र तयकिया जाए.बाहर
बारिश हो रही थी. जब वो होटल मेंगयी. तो एक लड़की, जो करीब26-28की होगी,अपनी प्यारी मुस्कान के साथ उसके पास आई. औरउसे अपने बाल पोछने के लिए टॉवेल दिया.उस लड़की की मुस्कानबनावटी नहीं थी.बूढी महिला ने देखा की वो लड़कीकरीब 8 month की pregnant थी.उसे देखकर हैरानी हुई की इस हालात मेंवो अपनी परेशानियों की परवाह कियेबगेर कैसे उसकेऔर बाकि customers के साथइतना अच्छा व्यवहार कररही हैं.और तभी उसे ब्रायन की याद आई.बूढी महिला ने उसे अपना आर्डर दिया. और खाने केबाद billआने पर पैसे 100 डॉलर उसे दे दिए.जब लड़की बाकि के पैसे लौटाने आई.तो वो महिला वहां नहीं थी. वो सोचनेलगी की कहाँ जा सकती है.तभी उसे टेबल पर पड़े napkin पर कुछ लिखा मिला.उसेपड़कर उसकी आँखों में आंसू आ गए.उसमे लिखा था, ” तुमे ये पैसे रख लों. कभी किसी नेमेरी भी मदद की थी. औरअब मेरा फ़र्ज़ बनता है की मैं तुम्हारी मदद करू.मेरी बस यही विनती हैकी तुम इस चैन को यही मत टूटने देना. इसे आगेबढ़ाना. जरूरतमंद की मदद करना…”और इसके साथ ही 400 डॉलर और रखे हुए थे.वो महिला का शुक्रिया करने लगी. उसे और उसकेपति को इनपैसो की सख्त जरुरत थी. क्योंकि अगलेमहीने ही उनके यहाँ बच्चेकी संभावना थी… वो होटल का सारा काम करके घरपर लौटी.और बिस्तर पर आकर अपने पति के पास लेट गयी.उसेख़ुशी थी की अब उन्हेंज्यादा चिंता करने की जरुरत नहीं हैं. उसके पतिकई दिनों से परेशान थे.उसने अपने पति के गालो को धीरे से चुमते हुए कहा, ”सबकुछ ठीक हो जायेगा. I love you BryanAnderson. ”एक पुरानी कहावत हैं. ” जैसा हम करते हैवैसा ही हमें मिलता हैं…
बारिश हो रही थी. जब वो होटल मेंगयी. तो एक लड़की, जो करीब26-28की होगी,अपनी प्यारी मुस्कान के साथ उसके पास आई. औरउसे अपने बाल पोछने के लिए टॉवेल दिया.उस लड़की की मुस्कानबनावटी नहीं थी.बूढी महिला ने देखा की वो लड़कीकरीब 8 month की pregnant थी.उसे देखकर हैरानी हुई की इस हालात मेंवो अपनी परेशानियों की परवाह कियेबगेर कैसे उसकेऔर बाकि customers के साथइतना अच्छा व्यवहार कररही हैं.और तभी उसे ब्रायन की याद आई.बूढी महिला ने उसे अपना आर्डर दिया. और खाने केबाद billआने पर पैसे 100 डॉलर उसे दे दिए.जब लड़की बाकि के पैसे लौटाने आई.तो वो महिला वहां नहीं थी. वो सोचनेलगी की कहाँ जा सकती है.तभी उसे टेबल पर पड़े napkin पर कुछ लिखा मिला.उसेपड़कर उसकी आँखों में आंसू आ गए.उसमे लिखा था, ” तुमे ये पैसे रख लों. कभी किसी नेमेरी भी मदद की थी. औरअब मेरा फ़र्ज़ बनता है की मैं तुम्हारी मदद करू.मेरी बस यही विनती हैकी तुम इस चैन को यही मत टूटने देना. इसे आगेबढ़ाना. जरूरतमंद की मदद करना…”और इसके साथ ही 400 डॉलर और रखे हुए थे.वो महिला का शुक्रिया करने लगी. उसे और उसकेपति को इनपैसो की सख्त जरुरत थी. क्योंकि अगलेमहीने ही उनके यहाँ बच्चेकी संभावना थी… वो होटल का सारा काम करके घरपर लौटी.और बिस्तर पर आकर अपने पति के पास लेट गयी.उसेख़ुशी थी की अब उन्हेंज्यादा चिंता करने की जरुरत नहीं हैं. उसके पतिकई दिनों से परेशान थे.उसने अपने पति के गालो को धीरे से चुमते हुए कहा, ”सबकुछ ठीक हो जायेगा. I love you BryanAnderson. ”एक पुरानी कहावत हैं. ” जैसा हम करते हैवैसा ही हमें मिलता हैं…
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