भिवानी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने बुधवार
को १०वीं व 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित कर
दिया। परीक्षा परिणाम मॉडरेशन व ग्रेस के चक्कर में बुधवार दोपहर
तक उलझा रहा। हालांकि बोर्ड अधिकारी परिणाम के ग्रेस व
मॉडरेशन को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट है
कि इस बार दसवीं व 12 वीं दोनों परीक्षाओं में ग्रेस अंक बढ़ाए गए
हैं। पहले बोर्ड ने 12वीं कक्षा के लिए दो जून व मेट्रिक परिणाम के
लिए पांच जून की तारीख निर्धारित की थी। लेकिन बाद में ४
जून को परिणाम घोषित किए गए।
दो जून से बोर्ड प्रशासन के आला अधिकारियों के बीच ग्रेस व
मॉडरेशन को लेकर बातचीत चलती रही लेकिन आखिरी फैसला ग्रेस
अंक बढ़ाने पर ही हुआ। बोर्ड के एक आला अधिकारी रिजल्ट
मॉडरेशन के हक में थे तो दूसरे इसके पक्ष में नहीं थे। सहमति के अनुसार
12वीं कक्षा में १.५ प्रतिशत की तथा दसवीं कक्षा में एक प्रतिशत
की ग्रेस निर्धारित की गई। बोर्ड में इससे पहले तक एक प्रतिशत
की ग्रेस निर्धारित थी।
13.6 % सुधरा 12वीं नियमित का परिणाम
बोर्ड अध्यक्ष डॉ. केसी भारद्वाज ने बताया कि 12वीं के
नियमित परीक्षार्थियों का
परिणाम 72.91 प्रतिशत तो स्वयंपाठी का परिणाम 53.90 प्रतिशत रहा। बीते साल से यह १३.६ प्रतिशत अधिक है। 12वीं में कुल 2,68,406 परीक्षार्थी प्रविष्ट हुए थे, जिनमें से 1,95,693 उत्तीर्ण हुए। लड़कियों ने लड़कों से 13.63 फीसदी ज्यादा पास प्रतिशतता हासिल की। परीक्षा में कुल 1,51,934 लड़के बैठे थे, जिनमें 1,01,788 पास हुए, इनकी पास प्रतिशतता 66.99 रही है। इसी तरह कुल 1,16,472 लड़कियों में से 93,905 पास हुई, इनकी पास प्रतिशतता 80.62 रही है। ऐसे देखें परिणाम : बोर्ड परीक्षा परिणाम आज बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर उपलब्ध होने के साथ-साथ एसएमएस आईवीआर द्वारा भी जाना जा सकेगा। शहरी छात्रों से अधिक प्रतिभाशाली ग्रामीण बोर्ड सचिव डॉ. जे गणेशन ने बताया कि १२वीं में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों की पास प्रतिशत 74.79 और शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों का पास प्रतिशत 69.14 रहा। प्राइवेट विद्यालयों की पास प्रतिशतता 73.73 और सरकारी स्कूलों की पास प्रतिशतता 72.07 रही। १२वीं में स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम 53.90 प्रतिशत रहा। परीक्षा में कुल 43,447 छात्र शामिल हुए, जिनमें से 23,419 पास हुए। ग्रेस से इस प्रकार बढ़ा परिणाम 12वीं कक्षा का वास्तविक परिणाम लगभग 61 प्रतिशत था। डेढ़ प्रतिशत की ग्रेस के साथ यह परिणाम 72.91 प्रतिशत हो गया। इसी प्रकार मैट्रिक का परिणाम भी एक प्रतिशत ग्रेस के साथ 60.84 फीसदी हो गया। 10वीं का रिजल्ट वर्ष प्रतिशत 2014 60.84 2013 50.79 2012 65.39 2011 68.03 आंकड़ों में 12वीं के नतीजे वर्ष पास % लड़के लड़कियां 2014 72.91 66.99 80.62 2013 59.31 52.02 68.33 2012 67.82 60.27 77.22 2011 72.85 65.49 82.05 शिक्षाविद् की नजर में शिक्षाविद् डॉ. डीपी कौशिक के अनुसार अब बच्चें 12वीं को फाइनल परीक्षा मानते हैं, क्योंकि उनका कॅरिअर पूरी तरह से 12 वीं कक्षा पर टिका रहता है। इसलिए वे मेट्रिक की अपेक्षा 12वीं में अधिक अध्ययन करते हैं। इसलिए परिणाम में सुधार आ रहा है। यह रहा दसवीं का परिणाम १०वीं के नियमित परीक्षार्थियों का परिणाम 60.84 फीसदी तो स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम 44.88 फीसदी रहा। दसवीं में 3,52,729 नियमित परीक्षार्थी बैठे थे, जिनमें से 2,14,584 पास हुए। बेटियों ने बेटों से 5.38 फीसदी ज्यादा पास प्रतिशतता हासिल की। परीक्षा में 1,94,436 लड़के बैठे थे, जिनमें 1,13,595 पास हुए। इनकी पास प्रतिशतता 58.42 रही। इसी तरह 1,58,293 लड़कियों में से 1,00,989 पास हुई। इनकी पास प्रतिशतता 63.80 रही है। ग्रामीण विद्यार्थियों की पास प्रतिशतता 60.96 तो शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों की पास प्रतिशतता 60.44 रही। प्राइवेट स्कूलों का पास प्रतिशतता 73.4 और सरकारी स्कूलों का पास प्रतिशतता 50.18 रहा। स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम 44.88 प्रतिशत रहा है। परीक्षा में 55,824 स्वयंपाठी परीक्षार्थी प्रविष्ट हुए, जिनमें से 25,052 पास हुए। क्या है मॉडरेशन व ग्रेस परीक्षा परिणाम को बढ़ाने के लिए सीबीएसई समेत अनेक बोर्ड परिणाम को मॉडरेट करते हैं। इसमें प्रतिशत के आधार पर सभी छात्रों के अंकों में वृद्धि होती है। इससे मेरिट प्रभावित होती है। दूसरी तरफ ग्रेस अंक केवल उन्हीं विद्यार्थियों को मिलता है जो बच्चे फेल हो रहे होते हैं। इसलिए इसका मेरिट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस संबंध में बोर्ड सचिव जे गणेशन बुधवार को मीटिंग में व्यस्त रहे, लेकिन मंगलवार को उन्होंने कहा था कि हम रिजल्ट को लेकर कुछ कर रहे हैं। काम पूरा हो जाने पर बताएंगे। इससे यही लगता है कि बोर्ड में परीक्षा परिणाम सुधार को लेकर ग्रेस देने पर मशक्कत चल रही थी। दूसरी तरफ एक अन्य शिक्षाविद डॉ. आरएस गोलान ने बताया कि परिणाम दो जून को तैयार था लेकिन अधिक परिणाम दर्शाने के लिए परिणाम को मॉडरेशन किया गया है। आज के युग में प्रतिशतता के चक्कर में शिक्षा की शालीनता व सुंदरता खत्म होती जा रही है।
परिणाम 72.91 प्रतिशत तो स्वयंपाठी का परिणाम 53.90 प्रतिशत रहा। बीते साल से यह १३.६ प्रतिशत अधिक है। 12वीं में कुल 2,68,406 परीक्षार्थी प्रविष्ट हुए थे, जिनमें से 1,95,693 उत्तीर्ण हुए। लड़कियों ने लड़कों से 13.63 फीसदी ज्यादा पास प्रतिशतता हासिल की। परीक्षा में कुल 1,51,934 लड़के बैठे थे, जिनमें 1,01,788 पास हुए, इनकी पास प्रतिशतता 66.99 रही है। इसी तरह कुल 1,16,472 लड़कियों में से 93,905 पास हुई, इनकी पास प्रतिशतता 80.62 रही है। ऐसे देखें परिणाम : बोर्ड परीक्षा परिणाम आज बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर उपलब्ध होने के साथ-साथ एसएमएस आईवीआर द्वारा भी जाना जा सकेगा। शहरी छात्रों से अधिक प्रतिभाशाली ग्रामीण बोर्ड सचिव डॉ. जे गणेशन ने बताया कि १२वीं में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों की पास प्रतिशत 74.79 और शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों का पास प्रतिशत 69.14 रहा। प्राइवेट विद्यालयों की पास प्रतिशतता 73.73 और सरकारी स्कूलों की पास प्रतिशतता 72.07 रही। १२वीं में स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम 53.90 प्रतिशत रहा। परीक्षा में कुल 43,447 छात्र शामिल हुए, जिनमें से 23,419 पास हुए। ग्रेस से इस प्रकार बढ़ा परिणाम 12वीं कक्षा का वास्तविक परिणाम लगभग 61 प्रतिशत था। डेढ़ प्रतिशत की ग्रेस के साथ यह परिणाम 72.91 प्रतिशत हो गया। इसी प्रकार मैट्रिक का परिणाम भी एक प्रतिशत ग्रेस के साथ 60.84 फीसदी हो गया। 10वीं का रिजल्ट वर्ष प्रतिशत 2014 60.84 2013 50.79 2012 65.39 2011 68.03 आंकड़ों में 12वीं के नतीजे वर्ष पास % लड़के लड़कियां 2014 72.91 66.99 80.62 2013 59.31 52.02 68.33 2012 67.82 60.27 77.22 2011 72.85 65.49 82.05 शिक्षाविद् की नजर में शिक्षाविद् डॉ. डीपी कौशिक के अनुसार अब बच्चें 12वीं को फाइनल परीक्षा मानते हैं, क्योंकि उनका कॅरिअर पूरी तरह से 12 वीं कक्षा पर टिका रहता है। इसलिए वे मेट्रिक की अपेक्षा 12वीं में अधिक अध्ययन करते हैं। इसलिए परिणाम में सुधार आ रहा है। यह रहा दसवीं का परिणाम १०वीं के नियमित परीक्षार्थियों का परिणाम 60.84 फीसदी तो स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम 44.88 फीसदी रहा। दसवीं में 3,52,729 नियमित परीक्षार्थी बैठे थे, जिनमें से 2,14,584 पास हुए। बेटियों ने बेटों से 5.38 फीसदी ज्यादा पास प्रतिशतता हासिल की। परीक्षा में 1,94,436 लड़के बैठे थे, जिनमें 1,13,595 पास हुए। इनकी पास प्रतिशतता 58.42 रही। इसी तरह 1,58,293 लड़कियों में से 1,00,989 पास हुई। इनकी पास प्रतिशतता 63.80 रही है। ग्रामीण विद्यार्थियों की पास प्रतिशतता 60.96 तो शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों की पास प्रतिशतता 60.44 रही। प्राइवेट स्कूलों का पास प्रतिशतता 73.4 और सरकारी स्कूलों का पास प्रतिशतता 50.18 रहा। स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का परिणाम 44.88 प्रतिशत रहा है। परीक्षा में 55,824 स्वयंपाठी परीक्षार्थी प्रविष्ट हुए, जिनमें से 25,052 पास हुए। क्या है मॉडरेशन व ग्रेस परीक्षा परिणाम को बढ़ाने के लिए सीबीएसई समेत अनेक बोर्ड परिणाम को मॉडरेट करते हैं। इसमें प्रतिशत के आधार पर सभी छात्रों के अंकों में वृद्धि होती है। इससे मेरिट प्रभावित होती है। दूसरी तरफ ग्रेस अंक केवल उन्हीं विद्यार्थियों को मिलता है जो बच्चे फेल हो रहे होते हैं। इसलिए इसका मेरिट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस संबंध में बोर्ड सचिव जे गणेशन बुधवार को मीटिंग में व्यस्त रहे, लेकिन मंगलवार को उन्होंने कहा था कि हम रिजल्ट को लेकर कुछ कर रहे हैं। काम पूरा हो जाने पर बताएंगे। इससे यही लगता है कि बोर्ड में परीक्षा परिणाम सुधार को लेकर ग्रेस देने पर मशक्कत चल रही थी। दूसरी तरफ एक अन्य शिक्षाविद डॉ. आरएस गोलान ने बताया कि परिणाम दो जून को तैयार था लेकिन अधिक परिणाम दर्शाने के लिए परिणाम को मॉडरेशन किया गया है। आज के युग में प्रतिशतता के चक्कर में शिक्षा की शालीनता व सुंदरता खत्म होती जा रही है।
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