केंद्र में नई सरकार बनते ही मिड-डे-मील की कुकिंग कॉस्ट (खाना बनाने की लागत) बढ़ा दी गई है। प्राइमरी के बजट में 25 पैसे प्रति छात्र तथा अपर प्राइमरी के बजट में 38 पैसे प्रति छात्र की वृद्धि की गई है। बढ़ी हुई दरें 1 जुलाई से लागू होगी। हालांकि शिक्षकों का मानना है कि यह बढ़ोतरी काफी नहीं है। केवल प्राइमरी में ही एक बच्चे पर छह रुपये का खर्चा आ जाता है। इसी आधार पर कुकिंग कॉस्ट बढ़ानी चाहिए थी।1फिलहाल प्रदेश में प्राइमरी के लिए कुकिंग कॉस्ट तीन रुपये 34 पैसे प्रति छात्र तय की हुई थी। अपर प्राइमरी कक्षाओं के यह पांच रुपये प्रति छात्र थी। अब केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रलय की मिड-डे-मील डिवीजन ने सभी प्रदेशों/केंद्र शासित राज्यों को मिड-डे-मील बनाने की लागत राशि बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।11 जुलाई से देश के सभी प्रदेशों व यूटी में प्राइमरी में मिड-डे-मील की लागत को 3 रुपये 59 पैसे प्रति छात्र तथा अपर प्राइमरी में पांच रुपये 38 पैसे प्रति छात्र खर्च करने का आदेश जारी किया गया है। केंद्र सरकार ने केंद्र व राज्यों के हिस्से के अनुपात के बारे में भी निर्देश जारी कर दिए हैं। नॉन एनईआर (नॉर्थ ईस्ट रीजन) स्टेट में 75:25 का अनुपात होगा, जबकि एनईआर राज्यों में यह 90:10 रहेगा। यानी 75 व 90 प्रतिशत राशि केंद्र तथा 25 व 10 प्रतिशत राशि राज्यों को वहन करनी होगी। नॉन एनईआर स्टेट में यह राशि प्राइमरी के लिए 2.69 रुपये केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि 0.90 पैसे राज्य सरकार वहन करेगी। 1इसी प्रकार से अपर प्राइमरी के लिए नॉन एनईआर स्टेट में केंद्र सरकार 4.04 रुपये तथा 1.34 रुपये राज्य सरकार वहन करेगी। वहीं, एनईआर स्टेट में केंद्र सरकार प्राइमरी कक्षाओं के लिए 3.23 रुपये तथा 0.36 पैसे राज्य सरकार वहन करेगी। अपर प्राइमरी कक्षाओं के लिए 4.84 रुपये केंद्र सरकार तथा 0.54 पैसे राज्य सरकारें वहन करेंगी।
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