नेशनल काउंसिल ऑफ टीचिंग एजुकेशन (एनसीटीई) नेस्नातक और बीएड के चार साल का इंटीग्रेटेड कोर्सका प्रस्ताव तैयार किया है।इस कोर्स का नाम बेचलर ऑफसेकेंडरी एजुकेशन होगा।इतना ही नहींदो डिप्लोमा कोर्सेज का भी प्रस्तावतैयार किया है।इसके अलावा दो वर्षीय बीएडकोर्स का निर्णय लिया गया है।यह कवायद की जा रही हैविशेषज्ञ शिक्षक तैयार करनेके मकसद से। इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिएइलाहाबाद विश्वविद्यालयसमेत कई संस्थान सहमत भी हैं।खास यह कि पूरे देश में पाठ्यक्रम तथा प्रवेशप्रक्रिया को लेकर एकरूपता होगी। एनसीटीईकी योजना सफल हुई सत्र 2015 से इन पाठ्यक्रमों मेंपढ़ाई शुरू हो जाएगी।चार साल का होगा पाठ्यक्रमअध्यापक शिक्षा के क्षेत्रमें एनसीटीई बड़ा बदलाव करनेजा रहा है। पाठ्यक्रम, पढ़ाईकी प्रणालि के साथपरीक्षा प्रारूप में भी बदलावकी तैयारी है।इलाहाबाद विश्वविद्यालय मेंएक सेमिनार में पहुंचेएनसीटीई के चेयरमैन प्रोफेसरसंतोष पांडा ने शनिवारको प्रेसवार्ता मेंबताया कि बारहवीं के बाददो साल का डिप्लोमा
इनइलेमेंटरी एजुकेशन कोर्सशुरू करने जा रहा है। यहकोर्स करने के बादविद्यार्थी प्राथमिक शिक्षकबन सकेंगे।बारहवीं के बादही इलेमेंटरी एजुकेशन पर चारसाल का कोर्स भी होगा। इसकेबाद विद्यार्थी आठवीं तकपढ़ाने के लिए योग्य होंगे।इसके अलावा स्नातक के साथबीएड का इंटीग्रेटेड कोर्सभी शुरू होगा। चार साल का यहडिग्री कोर्स करने के बादछात्र-छात्राएं दसवीं मेंशिक्षक बनने के लिए आवेदन करसकेंगे। उन्होंने बताया कि इनसभी पाठ्यक्रमों में प्रवेशके लिए परीक्षा आयोजितकी जाएगी।जल्द शुरू होगा ये पाठ्यक्रमहालांकि विश्वविद्यालय औरप्रदेश को परीक्षा करानेकी छूट होगी लेकिन पूरे देशमें परीक्षा प्रारूप मेंसमानता होगी।इसका खाका तैयारकिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि पढ़ाईकरने के बादभी विद्यार्थियों को शिक्षकबनने के लिए एक पात्रता परीक्षा पासकरनी होगी। प्रोफेसरपांडा ने दावा किया कि इससे क्वालिटी एजुकेशन के क्षेत्रमें जल्द ही सकारात्मक बदलावदेखने को मिलेंगे।इसका प्रारूप भी पूरे देश मेंसमान होगा।प्रेसवार्ता में मौजूद के शिक्षा विभाग के प्रोफेसर पीके साहू ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में येकोर्सेज शुरू किए जाएंगे। इसक लिए कुलपति सेभी सहमति मिल गई है। यूजीसी की संस्था इंटरयूनिवर्सिटी सेंटर फॉर टीचर यूनियन के अध्यक्ष ने भी इस कोर्स को शुरू करने के लिए पहल की बात कही।
इनइलेमेंटरी एजुकेशन कोर्सशुरू करने जा रहा है। यहकोर्स करने के बादविद्यार्थी प्राथमिक शिक्षकबन सकेंगे।बारहवीं के बादही इलेमेंटरी एजुकेशन पर चारसाल का कोर्स भी होगा। इसकेबाद विद्यार्थी आठवीं तकपढ़ाने के लिए योग्य होंगे।इसके अलावा स्नातक के साथबीएड का इंटीग्रेटेड कोर्सभी शुरू होगा। चार साल का यहडिग्री कोर्स करने के बादछात्र-छात्राएं दसवीं मेंशिक्षक बनने के लिए आवेदन करसकेंगे। उन्होंने बताया कि इनसभी पाठ्यक्रमों में प्रवेशके लिए परीक्षा आयोजितकी जाएगी।जल्द शुरू होगा ये पाठ्यक्रमहालांकि विश्वविद्यालय औरप्रदेश को परीक्षा करानेकी छूट होगी लेकिन पूरे देशमें परीक्षा प्रारूप मेंसमानता होगी।इसका खाका तैयारकिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि पढ़ाईकरने के बादभी विद्यार्थियों को शिक्षकबनने के लिए एक पात्रता परीक्षा पासकरनी होगी। प्रोफेसरपांडा ने दावा किया कि इससे क्वालिटी एजुकेशन के क्षेत्रमें जल्द ही सकारात्मक बदलावदेखने को मिलेंगे।इसका प्रारूप भी पूरे देश मेंसमान होगा।प्रेसवार्ता में मौजूद के शिक्षा विभाग के प्रोफेसर पीके साहू ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में येकोर्सेज शुरू किए जाएंगे। इसक लिए कुलपति सेभी सहमति मिल गई है। यूजीसी की संस्था इंटरयूनिवर्सिटी सेंटर फॉर टीचर यूनियन के अध्यक्ष ने भी इस कोर्स को शुरू करने के लिए पहल की बात कही।
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