करनाल : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने सरकार पर शिक्षा विभाग को सिकोड़ने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। शिक्षकों ने कहा कि सरकार अपनी तुगलकी नीतियों को तत्काल वापस ले नहीं तो संघ को मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा। सरकार स्कूलों के पुर्नगठन के नाम पर प्राथमिक स्कूलों को मर्ज करने की जो कार्रवाई कर रही है, वह गलत है और शिक्षा अधिकार कानून का भी उल्लंघन है। पीजीटी अध्यापकों से छठी से 10वीं कक्षाओं का शिक्षण कार्य करवाना भी शिक्षा विभाग को सिकोड़ने की साजिश का हिस्सा है। क्योंकि ऐसा करने से जेबीटी व मास्टर, सीएंडवी के पदों पर गहरा असर पड़ेगा। उन्होंने मांग की है कि किसी भी प्राथमिक स्कूल का किसी प्रकार से दूसरे स्कूलों में मर्ज नहीं किया जाए। पीजीटी से 11वीं व
12वीं कक्षाओं का अध्यापन कार्य ही कराया जाए। खाली पदों पर शिक्षित बेरोजगारों को स्थाई नौकरी दी जाए। सरकार एनजीओ व तथाकथित कंपनियों के माध्यम से जन शिक्षा के ढांचे को प्राइवेट ठेकेदारों को पूंजीपतियों के हवाले करने की कुचेष्टा नहीं करें। क्योंकि ऐसा करने से शिक्षित बेरोजगारों की मानसिक व आर्थिक शोषण होता है। उन्होंने कहा कि अध्यापक संघ मांग करता है कि जेबीटी शिक्षकों के लिए पदोन्नति चैनल खोले जाएं, पीजीटी की पदोन्नति में से विषय अनिवार्यता व बीए की शर्त हटाई जाए।
12वीं कक्षाओं का अध्यापन कार्य ही कराया जाए। खाली पदों पर शिक्षित बेरोजगारों को स्थाई नौकरी दी जाए। सरकार एनजीओ व तथाकथित कंपनियों के माध्यम से जन शिक्षा के ढांचे को प्राइवेट ठेकेदारों को पूंजीपतियों के हवाले करने की कुचेष्टा नहीं करें। क्योंकि ऐसा करने से शिक्षित बेरोजगारों की मानसिक व आर्थिक शोषण होता है। उन्होंने कहा कि अध्यापक संघ मांग करता है कि जेबीटी शिक्षकों के लिए पदोन्नति चैनल खोले जाएं, पीजीटी की पदोन्नति में से विषय अनिवार्यता व बीए की शर्त हटाई जाए।
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