नौनिहालों की डगर आसान करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने व्यापक स्तर पर बदलाव करने का फैसला किया है। परीक्षा परिणा घोषित होने के बाद भी बच्चों को नियमित रूप से स्कूल जाना होगा। प्रदेश भर के सभी सरकारी स्कूलों में 23 मार्च को ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जाना है। जबकि अब से पहले तक 31 मार्च को ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जाता रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी पवन सुथार ने बताया कि इस साल से सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 23 मार्च रविवार से ही शुरू करने का फैसला लिया है। विभाग द्वारा यह महत्वपूर्ण कदम इसलिए उठाया है क्योंकि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद स्कूल में फिर से अधिकांश बच्चों का जुड़ाव नहीं हो पाता। इससे उन्हें नियमित रूप से स्कूल में आने की आदत बनीं रहेगी व शैक्षणिक
गतिविधियों को लगातार आगे बढ़ाया जा सकेगा। विभाग द्वारा एसएमसी कमेटियों का सोशल ऑडिट भी किया जाएगा, जिसके तहत पिछले दो साल तक का लेखा-जोखा खंगाला जाएगा। पाठ्यक्रम पुस्तकों के अभाव में अब बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी। जिला मुख्यालय की व्यवस्था को भंग कर शिक्षा निदेशालय से ही पूरे पाठ्यक्रम ये संबंधित पुस्तकों की किट सीधे बच्चों तक पहुंचाई जाएगी। पांचवीं के बाद छठी में शिक्षक करवाएंगे दाखिले- प्राइमरी शिक्षा पूरी करने के बाद कक्षा छठी में पहुंचने वाले विद्यार्थी का दूसरे सरकारी स्कूल में बच्चों के दाखिले करवाना स्कूल के मुखिया की जिम्मेदारी होगी। ऐसे बच्चों को किसी दूसरे विद्यालय में नियमित रूप से पढ़ाई जारी रखने के लिए दाखिला दिलाने और उनके विद्यालय में मिलने वाली सरकारी योजनाओं की छात्रवृत्ति की पूरी जिम्मेवारी प्राइमरी विंग के मुखिया की होगी।
गतिविधियों को लगातार आगे बढ़ाया जा सकेगा। विभाग द्वारा एसएमसी कमेटियों का सोशल ऑडिट भी किया जाएगा, जिसके तहत पिछले दो साल तक का लेखा-जोखा खंगाला जाएगा। पाठ्यक्रम पुस्तकों के अभाव में अब बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी। जिला मुख्यालय की व्यवस्था को भंग कर शिक्षा निदेशालय से ही पूरे पाठ्यक्रम ये संबंधित पुस्तकों की किट सीधे बच्चों तक पहुंचाई जाएगी। पांचवीं के बाद छठी में शिक्षक करवाएंगे दाखिले- प्राइमरी शिक्षा पूरी करने के बाद कक्षा छठी में पहुंचने वाले विद्यार्थी का दूसरे सरकारी स्कूल में बच्चों के दाखिले करवाना स्कूल के मुखिया की जिम्मेदारी होगी। ऐसे बच्चों को किसी दूसरे विद्यालय में नियमित रूप से पढ़ाई जारी रखने के लिए दाखिला दिलाने और उनके विद्यालय में मिलने वाली सरकारी योजनाओं की छात्रवृत्ति की पूरी जिम्मेवारी प्राइमरी विंग के मुखिया की होगी।
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