Sunday, March 30, 2014

PARERAKO KA CONTRACT RENEW HOGA YA NAHI

साक्षर भारत मिशन में लगे प्रदेश के 18 हजार प्रेरकों का करार 31 मार्च को खत्म हो जाएगा। इसमें जिले के 927 प्रेरक शामिल हैं। एक अपै्रल से ये सभी प्रेरक मिशन में लगे रहेंगे या नहीं इसे लेकर असमंजस खड़ा हो गया है। इस बीच साक्षरता निदेशालय ने प्रेरकों के नए अनुबंध को लेकर एक सप्ताह में ही दो आदेश जारी कर मामले को और उलझा दिया है। साक्षर भारत मिशन-12 की अवधि पिछले वर्ष ही 2017 तक बढ़ा दी गई थी। इस मिशन के लिए चयनित प्रेरकों से सरकार हर साल नया करार करती है। इसमें सौ रुपए के शपथ पत्र पर प्रेरकों से एक वर्ष तक काम करने का करार होता रहा है। इस बार भी 31 मार्च 2014 के अंत पर नया करार करना था लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण लगी आचार संहिता की वजह से अब निदेशालय प्रेरकों से करार करने का जोखिम नहीं उठाना चाहता। ऐसे में करार के अभाव में सभी प्रेरक एक अपै्रल से लोक शिक्षा केंद्र पर जाकर काम करेंगे या नहीं, यह स्थिति निदेशालय से भी स्पष्ट नहीं हो पाई है। 20 मार्च को नए अनुबंध की कही तो 28 को कर दिया मना- साक्षरता निदेशालय ने 20 मार्च को प्रदेश के सभी जिला साक्षरता अधिकारियों
को आदेशित करते हुए कहा कि वे 31 मार्च 2015 अवधि तक काम करने के लिए प्रेरकों से नया अनुबंध पत्र भरवाकर शपथ पत्र ले लें। जिला साक्षरता अधिकारी इसकी तैयारी कर ही रहे थे कि शुक्रवार की देर शाम 28 मार्च को निदेशालय से एक और आदेश जारी हो गया। इसमें कहा गया है कि चूंकि लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लग चुकी है ऐसे में किसी भी प्रेरक से नया करार नहीं किया जाए। ॥हर साल शपथ पत्र देने के बाद ही अपै्रल से काम शुरू करते हैं। इस बार चुनाव के कारण अचानक शपथ पत्र लेने के लिए मना किया जा रहा है, यह भी जानकारी नहीं मिल रही कि हम केंद्र खोले या नहीं। गोविंद शर्मा, प्रेरक केसरपुर ॥आचार संहिता तो अपै्रल अंत तक प्रभावी रहेगी, ऐसे में यदि केंद्र खोलते भी हैं तो मानदेय को लेकर समस्या खड़ी हो सकती है। जब मिशन की अवधि ही बढ़ा दी गई तो हर साल शपथ पत्र लेने का भी औचित्य क्या है। विजय कुमार, प्रेरक सालपुर ॥पहले शपथ पत्र तैयार कराने के लिए पूरा दिन अलवर कलेक्ट्रेट में लग गया, मानदेय भी दो हजार ही मिलता है, इसमें भी यदि कोई अड़ंगा लग गया तो आर्थिक परेशानी खड़ी हो जाएगी। शीला रावत, प्रेरक केसरपुर। ॥नए आदेश के अनुसार प्रेरकों से फिलहाल करार पत्र नहीं भरवाया जा रहा। अब प्रेरक एक अपै्रल से काम करें या नहीं इसे लेकर उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है। सुरेंद्र अग्रवाल, जिला साक्षरता अधिकारी, अलवर आचार संहिता के कारण हम सीधे ही नया अनुबंध नहीं कर सकते। इस स्थिति से निपटने के लिए इलेक्शन कमीशन से राय मांगी गई है। वहां से जैसे निर्देश मिलेंगे उसी अनुसार कार्य कर पाएंगे। हनुमान सिंह भाटी, निदेशक साक्षरता।

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