विक्रम संवत 2071 का शुभारंभ 31 मार्च 2014 को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष उत्तराभाद्रपद नक्षत्र से है। विक्रम
संवत के दिन भारतीय कैलेंडर की शुरूआत होती है। इस दिन नवरात्रों का शुभारंभ भी होता है। यह दिन कई महात्माओं से जुड़ा हुआ है।
विक्रम संवत का प्रणेता सम्राट विक्रमादित्य को माना जाता है। वहीं पुराणों के अनुसार इसी तिथि से ब्रह्माजी ने सृष्टि निर्माण किया था, इसलिए इस पावन तिथि को नव संवत्सर पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। इस संवत के महीनों के नाम विदेशी संवतों की भांति देवता, मनुष्य या संख्यावाचक कृत्रिम नाम नहीं हैं। यही बात तिथि तथा अंश व दिनांक के संबंध में भी हैं वे भी सूर्य व चंद्रमां की गति पर आश्रित हैं।
हिसाब किताब भी नया
भारतीय मान्यता से जुड़ा होने के चलते इस दिन से व्यापारी भी अपने हिसाब-किताब रखने को लेकर नई प्रक्रिया शुरू करते हैं। इस दिन बही खातों का पूजन व गणेश आदि डलवाने के बाद अपने व्यापार व दुकानदारी का शुभारंभ किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यापार फलता फूलता है।
नवरात्र का शुभारंभ भी
दुर्गा मंदिर के पुजारी महेंद्र कुमार ने बताया कि नव संवत के दिन ही नवरात्रों का शुभारंभ होता है। इस दिन से
आठ दिनों के लिए मां भगवती की पूजा अर्चना होती है व लोग व्रत रखते हैं। इन दिनों में जो भी कामना की जाए, वह पूरी होती है। इसे लेकर मंदिर में तैयारियां जोरों से चल रही हैं। सोमवार से मंदिर में नवरात्र महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। मंदिर में जहां सुबह पूजन होता है वहीं शाम को 4 से 6 श्रीदुर्गा स्तुति का पाठ होता है।
इनसे जुड़ा है दिन
विक्रमादित्य हैं प्रेरणास्रोत, कल से शुरू होंगे नवरात्रे
ञ्चइस दिन ने जुड़ी कई खास लोग
ञ्चमंगलमय नवरात्रों का शुभारंभ
ञ्चभगवान रामचंद्र का राज्य अभिषेक
ञ्चभगवान नारायण का मत्स्यावतार
ञ्चब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना की गई
ञ्चगुरु अंगददेव का जन्म दिन
ञ्चमहात्मा झूले लाल का जन्म दिन
ञ्चमहर्षि दयानंद द्वारा आर्य समाज की स्थापना की गई
ञ्चराजा विक्रमादित्य की दुश्मनों पर विजय का दिन
ञ्चराष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार का जन्म दिन
संवत के दिन भारतीय कैलेंडर की शुरूआत होती है। इस दिन नवरात्रों का शुभारंभ भी होता है। यह दिन कई महात्माओं से जुड़ा हुआ है।
विक्रम संवत का प्रणेता सम्राट विक्रमादित्य को माना जाता है। वहीं पुराणों के अनुसार इसी तिथि से ब्रह्माजी ने सृष्टि निर्माण किया था, इसलिए इस पावन तिथि को नव संवत्सर पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। इस संवत के महीनों के नाम विदेशी संवतों की भांति देवता, मनुष्य या संख्यावाचक कृत्रिम नाम नहीं हैं। यही बात तिथि तथा अंश व दिनांक के संबंध में भी हैं वे भी सूर्य व चंद्रमां की गति पर आश्रित हैं।
हिसाब किताब भी नया
भारतीय मान्यता से जुड़ा होने के चलते इस दिन से व्यापारी भी अपने हिसाब-किताब रखने को लेकर नई प्रक्रिया शुरू करते हैं। इस दिन बही खातों का पूजन व गणेश आदि डलवाने के बाद अपने व्यापार व दुकानदारी का शुभारंभ किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यापार फलता फूलता है।
नवरात्र का शुभारंभ भी
दुर्गा मंदिर के पुजारी महेंद्र कुमार ने बताया कि नव संवत के दिन ही नवरात्रों का शुभारंभ होता है। इस दिन से
आठ दिनों के लिए मां भगवती की पूजा अर्चना होती है व लोग व्रत रखते हैं। इन दिनों में जो भी कामना की जाए, वह पूरी होती है। इसे लेकर मंदिर में तैयारियां जोरों से चल रही हैं। सोमवार से मंदिर में नवरात्र महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। मंदिर में जहां सुबह पूजन होता है वहीं शाम को 4 से 6 श्रीदुर्गा स्तुति का पाठ होता है।
इनसे जुड़ा है दिन
विक्रमादित्य हैं प्रेरणास्रोत, कल से शुरू होंगे नवरात्रे
ञ्चइस दिन ने जुड़ी कई खास लोग
ञ्चमंगलमय नवरात्रों का शुभारंभ
ञ्चभगवान रामचंद्र का राज्य अभिषेक
ञ्चभगवान नारायण का मत्स्यावतार
ञ्चब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना की गई
ञ्चगुरु अंगददेव का जन्म दिन
ञ्चमहात्मा झूले लाल का जन्म दिन
ञ्चमहर्षि दयानंद द्वारा आर्य समाज की स्थापना की गई
ञ्चराजा विक्रमादित्य की दुश्मनों पर विजय का दिन
ञ्चराष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार का जन्म दिन
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