नई दिल्ली। वर्ष 2005 से पहले के नोट बंद करने के भारतीय रिजर्व बैंक
(आरबीआइ) के फैसले से बढ़ी मुश्किल खुद आरबीआइ ने ही दूर की है। अब आप किसी भी बैंक में 500 और
1,000 रुपये के नोट सहित वर्ष 2005 से पहले के सभी नोटों के बदले नए नोट हासिल कर सकते हैं। नोट बदलने के लिए यह सुविधा एक
जनवरी 2015 तक उपलब्ध रहेगी।
आरबीआइ ने नोटों को लेकर आम
लोगों को हो रही परेशानी को देखते
हुए सभी बैंकों को यह सुविधा उपलब्ध
कराने का निर्देश दिया है। नोट बदलने
के लिए कोई अधिकतम
सीमा निर्धारित नहीं की गई है
यानी आप जितने चाहें उतने नोट
बदलवा सकते हैं।
आरबीआइ ने बाजार में मौजूद वर्ष
2005 से पहले के सभी नोट वापस
लेने का फैसला किया है। आम
लोगों को एक जनवरी 2015 से पहले
यह
नोट बदलने को कहा गया है। इससे पहले नोट बदलने के लिए अंतिम तारीख 30 जून तय की गई थी। आरबीआइ ने कहा था कि 30 जून के बाद 500 और 1,000 रुपये के 10 से ज्यादा नोट बदलवाने के लिए लोगों को अपना पहचान पत्र दिखाना होगा। आरबीआइ ने अपने हालिया बयान में कहा कि बैंकों को सभी लोगों के नोट बदलने की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है, फिर चाहे वह बैंक के ग्राहक हों या न हों। कितनी कीमत के नोट बदले जाएंगे इसकी भी कोई पाबंदी नहीं है। हालांकि बैंकों को कहा गया है कि वर्ष 2005 से पहले का कोई नोट काउंटर या एटीएम के जरिये लोगों को न दिया जाए। 2005 से पहले के सभी नोट आरबीआइ को सौंपने को कहा गया है। केंद्रीय बैंक ने यह भी स्पष्ट किया कि लोग आपसी भुगतान में पुराने नोट स्वीकार करने में कोई संकोच न करें। यह नोट वैध बने रहेंगे। वर्ष 2005 से पहले के नोटों की पहचान करना आसान है क्योंकि इससे पहले के नोटों पर वर्ष अंकित नहीं है। वर्ष 2005 के बाद के सभी नोटों पर पिछली तरफ सबसे निचले हिस्से में नोट की प्रिंटिंग का वर्ष अंकित है। वर्ष 2005 के बाद के नोटों में नकली करेंसी को रोकने के लिए कई सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
नोट बदलने को कहा गया है। इससे पहले नोट बदलने के लिए अंतिम तारीख 30 जून तय की गई थी। आरबीआइ ने कहा था कि 30 जून के बाद 500 और 1,000 रुपये के 10 से ज्यादा नोट बदलवाने के लिए लोगों को अपना पहचान पत्र दिखाना होगा। आरबीआइ ने अपने हालिया बयान में कहा कि बैंकों को सभी लोगों के नोट बदलने की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है, फिर चाहे वह बैंक के ग्राहक हों या न हों। कितनी कीमत के नोट बदले जाएंगे इसकी भी कोई पाबंदी नहीं है। हालांकि बैंकों को कहा गया है कि वर्ष 2005 से पहले का कोई नोट काउंटर या एटीएम के जरिये लोगों को न दिया जाए। 2005 से पहले के सभी नोट आरबीआइ को सौंपने को कहा गया है। केंद्रीय बैंक ने यह भी स्पष्ट किया कि लोग आपसी भुगतान में पुराने नोट स्वीकार करने में कोई संकोच न करें। यह नोट वैध बने रहेंगे। वर्ष 2005 से पहले के नोटों की पहचान करना आसान है क्योंकि इससे पहले के नोटों पर वर्ष अंकित नहीं है। वर्ष 2005 के बाद के सभी नोटों पर पिछली तरफ सबसे निचले हिस्से में नोट की प्रिंटिंग का वर्ष अंकित है। वर्ष 2005 के बाद के नोटों में नकली करेंसी को रोकने के लिए कई सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
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