सीबीएसई इस साल 12वीं के एग्जाम दे रहे छात्रों को छह विषयों की आंसरशीट की जांच दोबारा करने का मौका दे रही है। ये सब्जेक्ट हैं - इंग्लिश, फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स, पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स। इस साल ये स्कीम ट्रायल के तौर पर लागू की जा रही है। अब तक सीबीएसई छात्रों को अपने नंबरों की री-काउंटिंग की जांच करवाने का ही मौका देती थी।
स्कूलों को भेजी गई नई पॉलिसी के मुताबिक छात्र ऊपर लिखे छह विषयों की आंसरशीट दोबारा चेक कराने के लिए बोर्ड के रीजनल ऑफिस के नाम 500 रुपए फीस भरकर आवेदन करेंगे। जितने पेपर चेक कराने हैं, उतनी गुना फीस। रीजनल ऑफिस छात्र को उस आंसरशीट की
कॉपी ऑनलाइन देगा। छात्र इसे देखकर बोर्ड को बताएगा कि उसे कौन से सवालों के जवाब री-वैल्यूएट करवाने हैं। वही सवाल जांचे जाएंगे, जिन्हें छात्र चाहेगा सीबीएसई ने कुछ ही सवालों को री-चेक करवाने का विकल्प दिया है। तर्क यह है कि अगर पूरा पेपर या सारे पेपर री-चेक करने का विकल्प दिया तो हर स्टूडेंट अपने पेपर पर डाउट कर री-चेकिंग फॉर्म भर देगा। यह बोर्ड के लिए परेशानी का सबब बनेगा। रीचेकिंग में नंबर घटने का भी खतरा रीचेकिंग में अगर किसी सवाल पर पहले से कम नंबर मिले तो छात्र को नए नंबर ही स्वीकार करने पड़ेंगे। वैसे एमजीएन स्कूल आदर्श नगर के एग्जामिनेशन हेड केएस रंधावा मानते हैं कि नई पॉलिसी से सीबीएसई की पारदर्शिता और बढ़ेगी।
कॉपी ऑनलाइन देगा। छात्र इसे देखकर बोर्ड को बताएगा कि उसे कौन से सवालों के जवाब री-वैल्यूएट करवाने हैं। वही सवाल जांचे जाएंगे, जिन्हें छात्र चाहेगा सीबीएसई ने कुछ ही सवालों को री-चेक करवाने का विकल्प दिया है। तर्क यह है कि अगर पूरा पेपर या सारे पेपर री-चेक करने का विकल्प दिया तो हर स्टूडेंट अपने पेपर पर डाउट कर री-चेकिंग फॉर्म भर देगा। यह बोर्ड के लिए परेशानी का सबब बनेगा। रीचेकिंग में नंबर घटने का भी खतरा रीचेकिंग में अगर किसी सवाल पर पहले से कम नंबर मिले तो छात्र को नए नंबर ही स्वीकार करने पड़ेंगे। वैसे एमजीएन स्कूल आदर्श नगर के एग्जामिनेशन हेड केएस रंधावा मानते हैं कि नई पॉलिसी से सीबीएसई की पारदर्शिता और बढ़ेगी।
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