Wednesday, March 19, 2014

VETAN NA DENE KA BAHANA BANA RAHI COMPUTER COMPANY

कंप्यूटर शिक्षकों को बजाय वेतन देने के अब कंपनी उल्टे उनसे ही जवाब तलब कर रही है। हम बात उन्हीं कंप्यूटर शिक्षकों की कर रहे हैं जिन्हें लगाने के लिए कंपनी ने अवैध तरीके से हजारों रुपए की सिक्योरिटी राशि वसूली और छह माह का वेतन भी रोक लिया। शिक्षकों ने अपने वेतन के लिए पंचकुला में धरना प्रदर्शन किया तो अब उन्हें कंपनी के सवालों का जवाब देना पड़ रहा है। प्रदेशभर में लगाए गए 2622 कंप्यूटर शिक्षकों के साथ खिलवाड़ करने के बाद कंपनी ने अब उन्हें फांसना भी शुरू कर दिया है। कंप्यूटर शिक्षकों को भले ही कंपनी तनख्वाह नहीं दे रही है लेकिन अपनी जायज मांगों के लिए संघर्ष करने वालों को नोटिस जरूर थमा दिया गया है। कंप्यूटर शिक्षक लगाने वाली कंपनी ने अब बहुत से कंप्यूटर शिक्षकों को नोटिस थमाकर जवाब मांगा है कि आखिरकार वे अपनी नौकरी से गैर हाजिर क्यों रहे। जब तलाब उस समय के दौरान का किया गया है जब कंप्यूटर शिक्षक 25 फरवरी से लेकर 5 मार्च तक भूखे प्यासे अपने वेतन के लिए पंचकुला में
अनशन पर बैठे थे। नोटिस भेजकर मुख्य तौर पर कंप्यूटर एसोसिएशन के पदाधिकारियों को निशाना बनाया गया है। इतना ही नहीं इस नोटिस में शिक्षकों पर कंपनी के विरोध में काम करने का आरोप लगाया गया है। यानि अपनी तनख्वाह मांगने के लिए संघर्ष करने वाले शिक्षकों को कंपनी ने घेरना शुरू किया है। कंपनी के ये तेवर तब हैं जब वह खुद कंप्यूटर शिक्षकों पर अन्याय कर रही है और उसकी खुद की नीतियों में दर्जनों खामियां है। खुद शिक्षा विभाग ने आश्वासन दिया था कि कंपनी शिक्षकों के वेतन का शीघ्र ही भुगतान कर देगी लेकिन बड़ी हैरानी है कि छह माह में से शिक्षकों को अभी तक महज 2 माह का वेतन दिया गया है। इतना ही नहीं शिक्षकों को दिए गए वेतन में गलत तरीके से कटौती भी की गई है। कंपनी ने कर्मचारियों का पीएफ तक जमा नहीं कराया है। इतना ही नहीं विधानसभा में खुद शिक्षामंत्री इस बात का आश्वासन दे चुकी है कि कंपनी द्वारा अवैध तरीके से वसूली गई सिक्योरिटी राशि वापस कराई जाएगी लेकिन यहां तो कंपनी अब भी अवैध सिक्योरिटी की शिक्षकों से मांग कर रही है। शिक्षकों को साफ तौर पर चेतावनी भी दी जा रही है कि अगर वे सिक्योरिटी नहीं देंगे तो उनकी तनख्वाह भी नहीं आएगी। हमें नौकरी से निकालने की साजिश : महासचिव कंप्यूटर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव शशिभूषण का कहना है कि कंपनी अब शिक्षकों को नोटिस भेजकर फंसाने का प्रयास कर रही है। तमाम नियमों को ताक पर रखने वाली कंपनी अब आवाज उठाने वालों को नौकरी से निकालने की साजिश रच रही है। कंपनी अगर उन्हें परेशान करती है तो वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। किताबें अब तक नहीं पहुंचाई, शिक्षकों को बताया दोषी कंप्यूटर शिक्षक भर्ती करने वाली कंपनियों को दिए गए ठेके में साफ तौर पर उल्लेख था कि स्कूलों में बच्चों के पढऩे के लिए किताबेंं भी कंपनियां ही पहुंचाएंगी। एक सेशन पूरा हो चुका है, लेकिन कंपनियों ने आज तक किताबें नहीं पहुंचाई है। अपनी गलतियों पर अंगुली तक नहीं उठाने वाली कंपनी को अब शिक्षकों में खोट नजर आया है। कंपनी ने शिक्षकों को भेजे गए नोटिस में यह भी कहा है कि उनकी गतिविधियों की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है

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