Monday, March 10, 2014

AACHAR SAHITA KI VAJAH SE LATKI REGULARISATION POLICY

आचार संहिता लगने से हरियाणा में अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए रेगुलराइजेशन पॉलिसी अटक गई है। इसके साथ हड़ताल अवधि के दौरान दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए जाने से कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है। कर्मचारी तालमेल कमेटी ने राज्य सरकार पर कर्मचारियों से विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। कर्मचारी तालमेल कमेटी का कहना है कि कर्मचारी चुनाव में अपने साथ हुए विश्वासघात का बदला लेगा। कमेटी के सदस्य धर्मवीर सिंह फौगाट, राजसिंह दहिया, सुभाष लांबा और अमर सिंह यादव ने रविवार को यहां जारी संयुक्त बयान में कहा कि वर्ष 2013 के बजट सत्र में घोषित कैशलेस मेडिकल सुविधा, गोहाना रैली में 10 नवंबर को ठेके पर लगे अकुशल कर्मचारियों को 8100 रुपए न्यूनतम वेतन दिए देने संबंधी आदेशों को भी लागू करने में विफल रही है। हड़ताल के दौरान विभिन्न धाराओं में दर्ज मुकद्दमों, कर्मचारी
नेताओं के तबादले आदि की मांगें अभी तक पूरी नहीं की गई हैं। समाप्त नहीं किया गया है। इससे कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ रहा है। इन्होंने कहा कि कर्मचारी वर्ग की सीमित मांगों का ही समाधान हो पाया है। अभी कई प्रमुख मांगें ऐसी हैं जिनका कोई समाधान नहीं हुआ है। केन्द्र और पंजाब के बराबर वेतनमान देने, न्यूनतम वेतनमान, समान काम-समान वेतन घोषणा पर भी आदेश जारी नहीं हुए हैं। कमेटी ने अनुबंध, ठेका, परियोजनाओं में कार्यरत सभी कर्मचारियों को बिना शर्त नियमित करने, रोडवेज के 3519 प्राइवेट परमिट सहित निजीकरण व ठेकाकरण की नीतियों को निरस्त करने और खाली पदों पर नियमित भर्ती करने की मांग की।

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