Thursday, January 9, 2014

AB GUEST TEACHERS KO RAHUL SE HAI UMMED

हरियाणा के अतिथि अध्यापकों (गेस्ट टीचर्स) का दर्द अब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंचेगा। 8 वर्षों से कांट्रेक्ट आधार पर सरकारी स्कूलों में सेवाओं दे रहे करीब 15 हजार शिक्षक अब आर-पार के मूड में हैं। भले सरकार ने उनके वेतन में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की हो लेकिन वे नियमित किए जाने से कम पर मानने को राजी नहीं। उधर, सुप्रीमकोर्ट भी कह चुका है कि स्कूलों में नियमित अध्यापक ही शिक्षण कार्य करें, गेस्ट टीचर्स नहीं।
आंदोलनरत इन अध्यापकों को फिलहाल उम्मीद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से है। कई सांसद इनके पक्ष में हैं। केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने आश्वासन दिया है कि इन अध्यापकों को राहुल गांधी से मिलवाया जाएगा। कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन ङ्क्षजदल से भी उन्हें यही भरोसा मिला है। फरीदाबाद के सांसद अवतार सिंह भड़ाना

भी उनकी मांगों का समर्थन कर चुके हैं।
करीब 8 वर्षों से अनुबंध आधार पर अपनी सेवाएं दे रहे शिक्षकों को नियमित करने के मसले पर सरकार की दुविधा जाहिर है। आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र 15 हजार गेस्ट टीचरों को नौकरी से हटाने का जोखिम लेने के मूड में सरकार नहीं दिखतीहै। राजकीय अनुबंधित अध्यापक संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र पिल्होड़ का कहना है कि इस बार आंदोलन रुकेगा नहीं।
क्या हैं मांगें
नियमित किया जाये
प्रक्रिया पूरी होने तक नियमित के बराबर वेतन मिले
उनकी जगह किसी का तबादला न किया जाए
नियमित शिक्षकों वाले सभी लाभ मिलें
सरकार का तर्क
पक्का नहीं कर सकते। मामला कोर्ट में है
शिक्षकों के वेतन में 20 प्रतिशत इजाफा किया है
उनके पदों को रिक्त नहीं समझा जाएगा।
गेस्ट टीचर्स को कई सुविधाएं मिल रही हैं
क्या है पेंच
दरअसल, सरकार की ओर से जब इन शिक्षकों की भर्ती की गई थी तो उस समय अलग-अलग कैटेगरी तय नहीं की गई थी। उदाहरण के तौर पर अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, भूतपूर्व सैनिक, विकलांग सहित आरक्षण से जुड़े वर्गों के लिए अलग-अलग सीटें निर्धारित नहीं की गई थी। ऐसे में सरकार इन्हें नियमित भी नहीं कर सकती। उधर, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियमित अध्यापकों की भर्ती के आदेश को भी देखना है।

No comments:

Post a Comment