हरियाणा टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (एचटेट) में अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य करने के खिलाफ एडवोकेट राकेश गौड़ ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने एचटेट-2014 के पैटर्न को असंवैधानिक बताया है।
गौड़ ने बताया कि एचटेट बीएड, डीएड और जेबीटी टीचर्स के लिए जरूरी है ताकि वे सरकारी और निजी स्कूलों में नौकरी हासिल कर सकें। यहां उन्हें पहली से पांचवीं और छठी से आठवीं तक के बच्चों को पढ़ाना होता है। 2011 के एचटेट एग्जाम में परीक्षार्थी को हिंदी और अंग्रेजी में से कोई एक भाषा चुननी थी, लेकिन वर्ष 2013 के एचटेट एग्जाम में पैटर्न बदलकर अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य कर दिया गया। ऐसे में अगर कोई स्टूडेंट संस्कृत
या अन्य भाषाओं में एचटेट देना चाहता हो तो वह अंग्रेजी माध्यम से कैसे पेपर दे सकेगा। संस्कृत भाषा पढ़ाने के लिए परीक्षार्थी को अंग्रेजी की नहीं बल्कि संस्कृत की जरूरत होगी। एचटेट में अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य बनाने को यदि बदला नहीं गया तो संस्कृत के स्टूडेंट्स कैसे एचटेट पास कर पाएंगे। एचटेट में अंग्रेजी भाषा के लिए 30 अंक होते हैं। ऐसे में संस्कृत के स्टूडेंट्स को इनका नुकसान होगा।
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