कुरुक्षेत्र : राज्य सरकार ने
पीएचडी करने के बाद
सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना देख रहे छात्रों को बड़ा झटका दिया है। 1396 असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए मांगे
गए आवेदन में साफ कहा है कि नेट
(नेशनल एलीजीबिलिटी टेस्ट) या स्लेट
(स्टेट लेवल एलीजीबिलिटी टेस्ट) पास
होना अनिवार्य है। सरकार के इस
फैसले से प्रदेश के
हजारों पीएचडी डिग्रीधारकों के भविष्य
पर खतरा मंडराने लगा है। यूजीसी के
नियम के विरुद्ध सरकार
का अपना नियम किसी के गले नहीं उतर
रहा।1 राज्य लोक सेवा आयोग ने
शुक्रवार को अपनी साइट पर प्रदेशभर
के सरकारी कॉलेजों में खाली असिस्टेंट
प्रोफेसर के पदों को भरने के लिए
1396 पदों के लिए
आवेदन मांगे हैं। मांगे गए इस आवेदन में साफ कहा गया है कि इन पदों के लिए सिर्फ वही आवेदन कर सकते हैं जो नेट या स्लेट टेस्ट पास कर चुके हैं। सिर्फ पीएचडी की डिग्री लेने वाले इन पदों के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। सरकार के इस फैसले से प्रदेशभर में हजारों पीएचडी डिग्री धारकों की उम्मीदों पानी फिर गया है। वहीं यूजीसी ने अपनी गाइड लाइन में कहा है कि जिनकी पीएचडी यूजीसी के नियम 2009 के है उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर आवेदन के लिए नेट टेस्ट पास करना जरूरी नहीं है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी यूजीसी के ही नियम को लागू किया जा रहा है
आवेदन मांगे हैं। मांगे गए इस आवेदन में साफ कहा गया है कि इन पदों के लिए सिर्फ वही आवेदन कर सकते हैं जो नेट या स्लेट टेस्ट पास कर चुके हैं। सिर्फ पीएचडी की डिग्री लेने वाले इन पदों के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। सरकार के इस फैसले से प्रदेशभर में हजारों पीएचडी डिग्री धारकों की उम्मीदों पानी फिर गया है। वहीं यूजीसी ने अपनी गाइड लाइन में कहा है कि जिनकी पीएचडी यूजीसी के नियम 2009 के है उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर आवेदन के लिए नेट टेस्ट पास करना जरूरी नहीं है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी यूजीसी के ही नियम को लागू किया जा रहा है
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