बाजार में जाली नोट पर लगाम कसने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2005 से पहले के नोट वापस लेने
का फैसला किया है।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि लोग साल
2005 से पहले जारी किए गए नोट
को अप्रैल 2014 से बैंक में बदलना शुरू
कर दें।
इसके तहत कोई भी व्यक्ति नोट
को किसी भी बैंक में जाकर बदल
सकता है। इसके लिए बैंक में
खाता होना जरूरी नहीं है।
पुराने नोट की पहचान आसानी से
की जा सकेगी। नोट के पीछे निचले
हिस्से पर बीच में साल अंकित होता है।
जिन नोट पर वर्ष अंकित नहीं है, वे
नोट साल 2005 से पहले के हैं। ये नोट
किसी भी बैंक में जाकर एक अप्रैल से
बदले जा सकते हैं।
नियम सख्त
हालांकि, रिजर्व बैंक ने 30 जून 2014
के बाद पुराने नोट बदलने वाले लोगों के
लिए नियम सख्त कर दिया है।
इसके तहत यदि कोई
व्यक्ति किसी ऐसे बैंक में नोट
बदलना चाहता है,
जहां उसका खाता नहीं है, तो उसे 500
और 1000 रुपये के 10 से ज्यादा नोट
बदलने पर अपना पहचान और निवास स्थान का प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। रिजर्व बैंक ने साथ ही लोगों से अपील की है कि उन्हें इस प्रक्रिया के तहत घबराने की जरूरत नहीं है। बैंक एक अप्रैल से नोट बदलने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। कैसे होगी पहचान पुराने नोट की पहचान आसानी से की जा सकती है क्योंकि 2005 से पहले जारी नोटों के पिछले भाग पर मुद्रण वर्ष अंकित नहीं है। जबकि 2005 के बाद जारी सभी नोटों पर नीचे की तरफ छोटे अक्षरों में मुद्रण वर्ष अंकित है। हड़बड़ी की जरूरत नहीं रिजर्व बैंक ने यह भी साफ किया है कि वर्ष 2005 से पहले जारी सभी नोट वैध बने रहेंगे। इसलिए हड़बड़ाहट या अफरा तफरी का माहौल बनाने की जरूरत नहीं है। 1 अप्रैल के बाद पुराने नोटों को किसी भी बैंक से बदला जा सकेगा, जबकि 1 जुलाई के बाद 500 और एक हजार के 10 से अधिक नोट को बदलने के लिए लोगों को बैंक के समक्ष पहचान और आवास के प्रमाण दिखाना होगा। क्या है मकसद रिजर्व बैंक के इस कदम से वह काला धन भी बाहर आ जाएगा, जो लोगों ने नकदी के तौर पर छिपा कर रखा है। इसके अलावा नकली नोटों के प्रचलन पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी क्योंकि 2005 के बाद जारी नोटों में ज्यादा सुरक्षा चिह्न हैं।
बदलने पर अपना पहचान और निवास स्थान का प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। रिजर्व बैंक ने साथ ही लोगों से अपील की है कि उन्हें इस प्रक्रिया के तहत घबराने की जरूरत नहीं है। बैंक एक अप्रैल से नोट बदलने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। कैसे होगी पहचान पुराने नोट की पहचान आसानी से की जा सकती है क्योंकि 2005 से पहले जारी नोटों के पिछले भाग पर मुद्रण वर्ष अंकित नहीं है। जबकि 2005 के बाद जारी सभी नोटों पर नीचे की तरफ छोटे अक्षरों में मुद्रण वर्ष अंकित है। हड़बड़ी की जरूरत नहीं रिजर्व बैंक ने यह भी साफ किया है कि वर्ष 2005 से पहले जारी सभी नोट वैध बने रहेंगे। इसलिए हड़बड़ाहट या अफरा तफरी का माहौल बनाने की जरूरत नहीं है। 1 अप्रैल के बाद पुराने नोटों को किसी भी बैंक से बदला जा सकेगा, जबकि 1 जुलाई के बाद 500 और एक हजार के 10 से अधिक नोट को बदलने के लिए लोगों को बैंक के समक्ष पहचान और आवास के प्रमाण दिखाना होगा। क्या है मकसद रिजर्व बैंक के इस कदम से वह काला धन भी बाहर आ जाएगा, जो लोगों ने नकदी के तौर पर छिपा कर रखा है। इसके अलावा नकली नोटों के प्रचलन पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी क्योंकि 2005 के बाद जारी नोटों में ज्यादा सुरक्षा चिह्न हैं।
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