Friday, May 2, 2014

RTE KI PALANA NA KARNE PAR SABHI STATES & CENTRE KO NOTICE

नई दिल्ली। देशभर के स्कूलों में शिक्षकों और संसाधनों की कमी के चलते शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के उल्लंघन के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र व सभी राज्य सरकारों से जवाब तलब किया। सर्वोच्च अदालत में दायर याचिका में इस कानून पर सही तरीके से अमल कराने के लिए सरकारों को निर्देश जारी करने की मांग की गई है। चीफ जस्टिस पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र, राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर ग्रीष्मावकाश के बाद जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका नेशनल कोलीशन फॉर एजुकेशन संगठन ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि संसाधनों की कमी और आरटीई के प्रावधानों को लागू करने में विफलता के कारण शिक्षा के क्षेत्र में काफी गिरावट आई है। पीठ के
समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंसाविस ने सभी राज्यों को छह महीने के भीतर दूर-दराज के इलाकों का अध्ययन करने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि यह प्रक्रि या पूरी होने के बाद छह महीने के लिए नये स्कूलों का निर्माण होना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिये एक साल के भीतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से एक लाख प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती करनी चाहिए। राज्यों को सभी खस्ताहाल स्कूलों में उचित संरचनात्मक व्यवस्था करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि राज्यों को इस तथ्य का खुलासा करना चाहिए कि शिक्षा का अधिकार कानून के प्रावधानों के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कोटे के अंतर्गत कितने छात्रों को प्रवेश दिया गया है। याचिकाकर्ता ने शिक्षा का अधिकार कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सर्वोच्च अदालत से कानून को सही तरीके से लागू कराने का आग्रह किया l

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