चंडीगढ़ : हरियाणा में चुनाव आचार
संहिता खत्म होते ही विभिन्न
सरकारी विभागों में
नियुक्तियों की प्रक्रिया जोर पकड़ सकती है।
प्रदेश सरकार पिछले दो सालों से लंबित
भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने व लंबित रिजल्ट
घोषित करने के साथ ही कुछ और नई
भर्तियां कर सकती है। इसके लिए
सभी विभागों से ब्यौरा मांगा जा रहा है। राज्य
सरकार नियुक्तियों में साक्षात्कार
की प्रक्रिया को खत्म करने पर भी गंभीरता से
विचार कर रही है।
प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के
अनुकूल नहीं आए हैं। अक्टूबर में
विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में राज्य सरकार ने
सबसे पहले लंबित
भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने
का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने पिछले
दिनों विभिन्न विभागों, बोर्ड एवं निगमों मे
लगभग 65000 भर्तियां करने का निर्णय
लिया था। शिक्षा विभाग में करीब 25 हजार
और पुलिस विभाग में 12 हजार
भर्तियां होनी है। इसके अलावा तृतीय श्रेणी के
17 हजार और चतुर्थ श्रेणी के करीब 11 हजार
पदों पर भर्तियां प्रस्तावित है। राज्य सरकार
ने लोकसभा चुनाव से पहले करीब सात हजार
लिपिकों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की थी।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग समेत
विभिन्न एजेंसियों और बोर्ड के जरिए हालांकि भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस कार्य में गति नहीं आ सकी है। शिक्षकों की भर्ती के रिजल्ट लंबित चल रहे हैं। पुलिस भर्ती की धीमी चाल भी परेशानी का कारण बनी हुई है। अक्टूबर में चूंकि चुनाव हैं, इसलिए राज्य सरकार ने लंबित रिजल्ट जल्दी घोषित करने व भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने की कार्य योजना बनाई है। प्रदेश सरकार के पास विभागीय नियुक्तियों के लिए अगस्त माह तक का ही समय है। इसके बाद विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग सकती है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री सचिवालय के तमाम वरिष्ठ अधिकारी पिछले दो साल से लटकी भर्ती प्रक्रिया को पूरा करवाने में जुट गए हैं। विभागीय अधिकारियों के माध्यम से पहले उन सभी पदों का ब्यौरा मांगा गया है, जिनके लिए आवेदन लिए जा चुके हैं और भर्तियां अधर में लटकी हुई हैं। इसके बाद रिक्त पदों का ब्यौरा लेकर नई भर्ती की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार नियुक्तियों में साक्षात्कार की प्रक्रिया को भी खत्म करने पर विचार कर रही है। इस बारे में विभागीय अधिकारियों ने एक रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री के पास भिजवाई है। उनकी सहमति मिलने के बाद ही नियुक्तियों से साक्षात्कार की प्रक्रिया को समाप्त किया जा सकता है। साक्षात्कार की प्रक्रिया खत्म होने की स्थिति में सिर्फ लिखित परीक्षा और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर मैरिट बनाकर भर्ती की जाएगी।
विभिन्न एजेंसियों और बोर्ड के जरिए हालांकि भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस कार्य में गति नहीं आ सकी है। शिक्षकों की भर्ती के रिजल्ट लंबित चल रहे हैं। पुलिस भर्ती की धीमी चाल भी परेशानी का कारण बनी हुई है। अक्टूबर में चूंकि चुनाव हैं, इसलिए राज्य सरकार ने लंबित रिजल्ट जल्दी घोषित करने व भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने की कार्य योजना बनाई है। प्रदेश सरकार के पास विभागीय नियुक्तियों के लिए अगस्त माह तक का ही समय है। इसके बाद विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग सकती है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री सचिवालय के तमाम वरिष्ठ अधिकारी पिछले दो साल से लटकी भर्ती प्रक्रिया को पूरा करवाने में जुट गए हैं। विभागीय अधिकारियों के माध्यम से पहले उन सभी पदों का ब्यौरा मांगा गया है, जिनके लिए आवेदन लिए जा चुके हैं और भर्तियां अधर में लटकी हुई हैं। इसके बाद रिक्त पदों का ब्यौरा लेकर नई भर्ती की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार नियुक्तियों में साक्षात्कार की प्रक्रिया को भी खत्म करने पर विचार कर रही है। इस बारे में विभागीय अधिकारियों ने एक रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री के पास भिजवाई है। उनकी सहमति मिलने के बाद ही नियुक्तियों से साक्षात्कार की प्रक्रिया को समाप्त किया जा सकता है। साक्षात्कार की प्रक्रिया खत्म होने की स्थिति में सिर्फ लिखित परीक्षा और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर मैरिट बनाकर भर्ती की जाएगी।
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