संजय वर्मा त्न भिवानी
सरकारी स्कूलों में अब मिडिल हेड की निगरानी में फंडों का वितरण होगा। इतना ही नहीं सीनियर व हाई स्कूल के अंतर्गत आने वाले मिडिल स्कूलों के हेड बच्चों को मिड डे मील वितरण के अलावा सरकार की ओर से बच्चों को मिलने वाले सभी प्रकार के फंडों का भी वितरण कर सकेंगे। इससे पहले मिडिल हेड को इस तरह की कोई शक्तियां प्रदान नहीं की गई थी। हाल ही में हरियाणा स्कूली शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर में 5548 स्वतंत्र मिडिल स्कूलों के हेड को डीडी पावर प्रदान की है। स्वतंत्र मिडिल स्कूलों के मुखिया तो अब शिक्षकों का वेतन निकलवाने से लेकर सभी प्रकार के फंडों की मैनेजमेंट खुद करेंगे। हालांकि जिन विद्यालयों को सीनियर सेकंडरी व हाई स्कूल के अंतर्गत रखा गया है, उनमें मिडिल हेड को इस तरह की कोई शक्तियां प्रदान नहीं की गई हैं। विभाग ने उन्हें फंडों के वितरण की अनुमति जरूर दे दी है। अब सरकारी स्कूलों में एमडीएम, वर्दी, साइकिल, शौचालय, कमरे निर्माण, फर्नीचर व बच्चों के वजीफे से संबंधित मसलों पर मिडिल हेड अपनी निगरानी रख पाएंगे।
हालांकि विभाग ने इनके ऊपर ओवरआल प्रिंसिपल व
मुख्याध्यापक की निगरानी को बरकरार रखा है। विभाग के इस फैसले से भिवानी जिला के 465 मिडिल हेड को राहत मिलेगी। उधर अध्यापक संगठन स्वतंत्र मिडिल स्कूलों की तर्ज पर मिडिल हेड को वित्तीय शक्तियां प्रदान करने की पैरवी कर रहे हैं, लेकिन विभाग ने अभी इस दिशा में विचार नहीं किया है। प्रदेश भर में करीब 2500 मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जो सीधे-सीधे या तो सीनियर सेकंडरी स्कूल या फिर राजकीय उच्च विद्यालय के अधीन आते हैं। इन स्कूलों में मिडिल स्कूल में तैनात अध्यापकों का वेतन डीडी पावर का इस्तेमाल करते हुए प्रिंसिपल व मुख्याध्यापक ही निकलवाता है। विभागीय सूत्रों की माने तो फंडों के इस्तेमाल के लिए अलग-अलग बैंक खाता होता है। इन बैंक खातों पर राशि निकलवाने की पावर भी प्रिंसिपल या मुख्याध्यापक को ही होती है, लेकिन नई व्यवस्था से मिडिल हेड भी इन बैंक खातों का संचालन कर पाएंगे। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतबीर सिंह सिवाच ने बताया कि शिक्षा निदेशालय के मिडिल हेड के लिए जारी की गई हिदायतों से सभी स्कूल मुखियाओं को अवगत करवाया गया है। उन्होंने बताया कि मिडिल हेड केवल फंडों के इस्तेमाल पर अपनी निगरानी रख पाएंगे, जबकि ओवरआल प्रिंसिपल व मुख्याध्यापक ही होंगे। स्वतंत्र मिडिल स्कूलों को डीडी पावर देने के बाद उठाया कदम, विभाग ने मिडिल हेड पर ओवरऑल के तौर पर प्रिंसिपल और मुख्याध्यापक को बरकरार रखा
मुख्याध्यापक की निगरानी को बरकरार रखा है। विभाग के इस फैसले से भिवानी जिला के 465 मिडिल हेड को राहत मिलेगी। उधर अध्यापक संगठन स्वतंत्र मिडिल स्कूलों की तर्ज पर मिडिल हेड को वित्तीय शक्तियां प्रदान करने की पैरवी कर रहे हैं, लेकिन विभाग ने अभी इस दिशा में विचार नहीं किया है। प्रदेश भर में करीब 2500 मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जो सीधे-सीधे या तो सीनियर सेकंडरी स्कूल या फिर राजकीय उच्च विद्यालय के अधीन आते हैं। इन स्कूलों में मिडिल स्कूल में तैनात अध्यापकों का वेतन डीडी पावर का इस्तेमाल करते हुए प्रिंसिपल व मुख्याध्यापक ही निकलवाता है। विभागीय सूत्रों की माने तो फंडों के इस्तेमाल के लिए अलग-अलग बैंक खाता होता है। इन बैंक खातों पर राशि निकलवाने की पावर भी प्रिंसिपल या मुख्याध्यापक को ही होती है, लेकिन नई व्यवस्था से मिडिल हेड भी इन बैंक खातों का संचालन कर पाएंगे। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सतबीर सिंह सिवाच ने बताया कि शिक्षा निदेशालय के मिडिल हेड के लिए जारी की गई हिदायतों से सभी स्कूल मुखियाओं को अवगत करवाया गया है। उन्होंने बताया कि मिडिल हेड केवल फंडों के इस्तेमाल पर अपनी निगरानी रख पाएंगे, जबकि ओवरआल प्रिंसिपल व मुख्याध्यापक ही होंगे। स्वतंत्र मिडिल स्कूलों को डीडी पावर देने के बाद उठाया कदम, विभाग ने मिडिल हेड पर ओवरऑल के तौर पर प्रिंसिपल और मुख्याध्यापक को बरकरार रखा
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