दोस्तों के लिए एक कहानी
कनाडा के टोरंटो में दो मित्रों को अजीब विचार सूझा. उन्होंने तीन बकरियों को पकड़ा और तीन तरफ 1, 2, और 4 नंबर लिख दिए. उन्होंने उन बकरियों को अपने स्कूल की बिल्डिंग में उस रात खुला छोड़ दिया. अगली सुबह जब प्राधिकारी स्कूल में आए, तो उन्हें कुछ बदबू सी आई. जल्दी ही उन्हें सीढ़ियों और प्रवेश द्वार के पास बकरियों की लीद दिखाई दे गई और उन्हें समझ आ गया कि कुछ बकरियां बिल्डिंग के अदंर आ गई हैं. तुरंत ही हर जगह खोज शुरू कर दी गई. जल्द ही उन्हें तीनों बकरियां मिल गई. पर प्राधिकारी इस बात से चिंतित हो उठे कि आखिर बकरी नंबर 3 कहां है. उन्होंने बाकी बचा दिन 3
नंबर की बकरी को ढूंढने में बिता दिया. स्कूल की छुट्टी घोषित कर दी गई. टीचर, सहायक और कैंटीन में कार्यरत नौकर सब बकरी नंबर 3 को ढूंढते रहे जो थी ही नहीं.'
सीख - हम सब उन लोगों की तरह हैं. हमारे पास बेशक अपनी बकरियां हों, पर हम एक आवेश में उस भ्रामक,गायब, अस्तित्वहीन बकरी नंबर 3 को ढूंढते रहते हैं. अच्छा होगा कि आपके पास जो है उसका अधिकतम फायदा उठाएं. बकरी नंबर 3 की चिंता करना छोड़ दें.'
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