Wednesday, May 28, 2014

KYA 3 SAAL WALE KACHHE EMPLOYEE HONGE PAKKE

चंडीगढ़। बीते आठ साल से हरियाणा सरकार और बोर्डों, निगमों के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग अब पूरी होने जा रही है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश सरकार बुधवार को पंजाब सरकार की तर्ज पर अपनी रेगुलराइजेशन पालिसी बनाने की मंजूरी दे सकती है। जिन कच्चे कर्मचारियों को तीन साल हो गए हैं उन्हें पक्का करने का फैसला हो सकता है। लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से सात दिन पहले 26 फरवरी को मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ कर्मचारी तालमेल समिति के सदस्यों की लंबी बैठक हुई थी। तब मुख्यमंत्री ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की बात मानी थी। चर्चा के दौरान अफसरों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी थी कि उमा देवी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार 10 अप्रैल, 2006 को जिन कच्चे कर्मचारियों को 10 साल हो गए थे उन्हें पक्का किया जा सकता है। उसके अनुसार हरियाणा सरकार ने
पालिसी जारी कर कच्चे कर्मचारियों को पक्का भी कर दिया था। मगर तालमेल समिति सदस्यों ने कहा था कि जब पंजाब सरकार अपनी पालिसी बनाकर तीन साल के कच्चे कर्मचारियों को पक्का कर सकती है तो हरियाणा सरकार क्यों नहीं? तब मुख्यमंत्री ने पंजाब सरकार की पालिसी का अध्ययन करने को कहा था। हरियाणा मंत्रिमंडल की 28 मई को होने वाली बैठक में रेगुलराइजेशन पालिसी पर फैसला होगा। एजेंडे के अनुसार, जो कच्चे कर्मचारी अपनी पुरानी पालिसी के अनुसार पक्के होने से वंचित रह गए थे उन्हें उन पुरानी पालिसी के अनुसार पक्का करने का फैसला किया जाएगा। इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला होगा कि कितनी साल की सेवा वाले कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार सरकार रेगुलराइजेशन पालिसी जारी करेगी। यह तय माना जा रहा है कि बैठक में तीन साल के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का फैसला होगा।

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