अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा में बुढ़ापा, विधवा, विकलांग और अन्य पेंशन फिर बैंकों के जरिए दी जाएगी। यह फैसला मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई उच्च स्तरीय बैठक में किया गया। वैसे पहले भी बैंकों के जरिए पेंशन देने का काम शुरू हुआ था, मगर हिसार के 2011 में उपचुनाव के बाद इसे बंद कर दिया गया।
अब नए फैसले के मुताबिक यह पेंशन चरणबद्ध तरीके से बैंकों के जरिए दी जाएगी। यानी उन गांवों या छोटे शहरों में बैंकों से पेंशन दी जाएगी जहां पर बैंकों की ब्रांच है। बैठक में मुख्यमंत्री को अफसरों ने जानकारी दी कि पंचकूला जिले के बरवाला गांव में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बुढ़ापा, विधवा, विकलांग और अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन बैंक के जरिए दी जा रही है। इसके सकारात्मक परिणाम आए हैं। इसलिए फैसला किया गया है कि छोटे शहराें में वार्डों की निकटतम बैंक शाखाओं के जरिए पेंशन बांटी जाएगी। यह काम तीन-चार महीने में पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि बैंकों
से पेंशन बांटने के कारण लोग अब सरपंच पर निर्भर नहीं रहेंगे। जब वे चाहें अपना पैसा बैंक से निकाल सकेंगे। पेंशन की राशि हर महीने की पहली तारीख को खातों में पहुंच जाएगी। जब सरपंच पेंशन बांटते हैं तो कई बार भीड़ होती है और अव्यवस्था फैलने की शिकायतें मिली हैं। मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए कि जिन गांवों में बैंक ब्रांच नहीं है, वहां पर पेंशन पहले की तरह बांटी जाए ताकि पेंशनधारकों को कोई दिक्कत न हो। बैठक में वित्त मंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एसएस ढिल्लों और डॉ. केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल ओएसडी एमएस चोपड़ा, उप प्रधान सचिव आरएस दून, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव पीके दास और अन्य अफसर मौजूद थे।
से पेंशन बांटने के कारण लोग अब सरपंच पर निर्भर नहीं रहेंगे। जब वे चाहें अपना पैसा बैंक से निकाल सकेंगे। पेंशन की राशि हर महीने की पहली तारीख को खातों में पहुंच जाएगी। जब सरपंच पेंशन बांटते हैं तो कई बार भीड़ होती है और अव्यवस्था फैलने की शिकायतें मिली हैं। मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए कि जिन गांवों में बैंक ब्रांच नहीं है, वहां पर पेंशन पहले की तरह बांटी जाए ताकि पेंशनधारकों को कोई दिक्कत न हो। बैठक में वित्त मंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एसएस ढिल्लों और डॉ. केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल ओएसडी एमएस चोपड़ा, उप प्रधान सचिव आरएस दून, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव पीके दास और अन्य अफसर मौजूद थे।
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