Sunday, May 25, 2014

BANSAL NE TEACHER BHARTI BOARD KE KHILAF SUPREME COURT ME APPEAL KI

 चंडीगढ़ : हरियाणा में शिक्षक भर्ती बोर्ड भंग करने की मांग को लेकर दायर याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर दिए जाने के फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। शिक्षक भर्ती बोर्ड व राज्य में बनाए गए अन्य भर्ती प्राधिकरणों को राजनीतिक लाभ के लिए बनाए प्राधिकरण बताते हुए याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए संविधान के उस प्रावधान पर ध्यान नहीं दिया जिसमें एचपीएससी के समान भर्ती बोर्ड बनाना प्रावधान का उल्लंघन माना गया है। याचिका में मुख्यमंत्री भुपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा सरकार, हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी), शिक्षक भर्ती बोर्ड के चेयरमैन नंद लाल पुनिया एवं बोर्ड के अन्य सदस्यों को प्रतिवादी बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद होने की संभावना है। विजय बंसल ने याचिका में कहा है कि हरियाणा में शिक्षक भर्ती बोर्ड स्थापित करने के पीछे ऐसा कोई कारण नहीं बताया गया कि एचपीएससी शिक्षकों की भर्ती नहीं कर सकता। यह भी आरोप लगाया गया है कि हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती बोर्ड के चेयरमैन पुनिया के खिलाफ तल्ख टिप्पणी
दी थी, लेकिन आज ऐसे व्यक्ति के हाथों में करीब 20 हजार शिक्षकों की भर्ती की बागडोर है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि भरती बोर्ड के सदस्यों के चयन में भी चहेतों को तरजीह दी गई है। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में 90 प्रतिशत भर्तियां एचपीएससी के अधिकार क्षेत्र से बाहर कर दी गई हैं। शिक्षक भर्ती बोर्ड व अन्य भर्ती प्राधिकरण बना दिए गए हैं। आरोप लगाया गया है कि हरियाणा लोकसेवा आयोग के पास केवल 10 फीसदी भर्तियों का काम शेष रह गया है। यही नहीं सरकार जहां एक ओर शिक्षक भर्ती बोर्ड जैसे प्राधिकरण बना रही है, वहीं एचपीएससी में सिर्फ चेयरमैन और एक सदस्य ही कार्यरत है और शेष 10 पद खाली पड़े हैं। आयोग में 100 के करीब स्टाफ बगैर काम के बैठा है। याचिका में इसे सरकार पर वित्तीय बोझ बताया गया है।

1 comment: