चंडीगढ़ : हरियाणा रोडवेज में पहली जनवरी 2003 के बाद अनुबंध पर भर्ती हुए चालक-परिचालक शपथपत्र नहीं देने के कारण पक्का नहीं हो पा रहे हैं। 8200 कर्मचारियों के नियमितीकरण पर सरकार व हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी के बीच इसी साल जनवरी महीने में सहमति बनी थी। सभी चालकों-परिचालकों को परिवहन विभाग में नियमितीकरण की नीति से सहमत होने का शपथपत्र जमा कराना था, लेकिन अभी तक लगभग 5200 कर्मचारी ने ही इसे जमा कराया है। इससे सरकार कर्मचारियों के पक्का होने के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका को वापस लेने का शपथपत्र दायर नहीं कर पा रही है। 1इस मुद्दे पर बृहस्पतिवार को यहां परिवहन मंत्री आफताब अहमद व 12 सदस्यीय रोडवेज तालमेल कमेटी के बीच वार्ता हुई। कमेटी सदस्यों ने नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू न होने पर रोष जताया। इस पर परिवहन मंत्री ने कहा कि सभी चालक-परिचालकों के शपथ-पत्र विभाग को नहीं मिले हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका
वापस नहीं ली जा सकती। तालमेल कमेटी के सदस्यों आजाद सिंह मलिक, हरि नारायण शर्मा व दलबीर किरमारा ने परिवहन मंत्री की दलील पर आपत्ति जताते हुए कहा कि समझौता सरकार व कमेटी के बीच हुआ है। दोनों पक्षों के शपथपत्र देने की स्थिति में भी याचिका वापस ली जा सकती है। बाकी कर्मचारी भी शपथपत्र देने को तैयार हैं। 1परिवहन विभाग ने इस पहलू पर विचार-विमर्श के लिए सोमवार को दोबारा चंडीगढ़ में बैठक बुलाई है। तालमेल कमेटी के सदस्य दलबीर किरमारा ने बताया कि 6 जून तक का समय सरकार को दिया गया है, अगर इस अवधि में उचित निर्णय नहीं हुआ तो 7 जून को कुरुक्षेत्र में होने वाले रोडवेज कर्मियों के सम्मेलन में आगामी आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी। 1खजाने पर पड़ेगा 112 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ 1रोडवेज में अनुबंध पर भर्ती हुए सभी 8200 चालक व परिचालकों को पक्का करने से सरकारी खजाने पर लगभग 112 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। 1 जनवरी 2014 को निर्धारित तिथि मानकर सभी कर्मचारियों को एसीपी व वार्षिक वेतन वृद्धि सहित पगार मिलेगी। अनुबंध कर्मियों को पक्का करने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में दायर विशेष याचिका हरियाणा सरकार को वापस लेनी है। इसके बाद ही कर्मचारियों के पक्का होने की अधिसूचना जारी होगी।
वापस नहीं ली जा सकती। तालमेल कमेटी के सदस्यों आजाद सिंह मलिक, हरि नारायण शर्मा व दलबीर किरमारा ने परिवहन मंत्री की दलील पर आपत्ति जताते हुए कहा कि समझौता सरकार व कमेटी के बीच हुआ है। दोनों पक्षों के शपथपत्र देने की स्थिति में भी याचिका वापस ली जा सकती है। बाकी कर्मचारी भी शपथपत्र देने को तैयार हैं। 1परिवहन विभाग ने इस पहलू पर विचार-विमर्श के लिए सोमवार को दोबारा चंडीगढ़ में बैठक बुलाई है। तालमेल कमेटी के सदस्य दलबीर किरमारा ने बताया कि 6 जून तक का समय सरकार को दिया गया है, अगर इस अवधि में उचित निर्णय नहीं हुआ तो 7 जून को कुरुक्षेत्र में होने वाले रोडवेज कर्मियों के सम्मेलन में आगामी आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी। 1खजाने पर पड़ेगा 112 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ 1रोडवेज में अनुबंध पर भर्ती हुए सभी 8200 चालक व परिचालकों को पक्का करने से सरकारी खजाने पर लगभग 112 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। 1 जनवरी 2014 को निर्धारित तिथि मानकर सभी कर्मचारियों को एसीपी व वार्षिक वेतन वृद्धि सहित पगार मिलेगी। अनुबंध कर्मियों को पक्का करने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में दायर विशेष याचिका हरियाणा सरकार को वापस लेनी है। इसके बाद ही कर्मचारियों के पक्का होने की अधिसूचना जारी होगी।
No comments:
Post a Comment