चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत
गेस्ट टीचर्स की नियमित होने की आस धूमिल
होती जा रही है। मुख्यमंत्री ने
अतिथि अध्यापकों को पक्का करने में
असमर्थता जताई है। हुड्डा ने टीचर्स को न
तो कोई पॉलिसी बनाने का आश्वासन दिया है,
न ही पक्का करने का। उन्होंने सिर्फ
इतना कहा है कि वह गेस्ट टीचर्स
का अच्छा ही करेंगे। लेकिन, अतिथि अध्यापक
इससे संतुष्ट नहीं हैं, चूंकि यह सुनते-सुनते
उनके कान पक चुके हैं। मंगलवार को गेस्ट
टीचर्स का 33 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल
हुड्डा से मुलाकात करने नई दिल्ली पहुंचा था।
हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश
संयोजक राजेंद्र शास्त्री ने
अध्यापकों की मांगों को हुड्डा के समक्ष
उठाया। काफी देर तक गेस्ट टीचर्स
की मुख्यमंत्री के साथ वार्ता भी हुई, मगर
अंतत निराशा ही हाथ
लगी। हुड्डा ने दो टूक कह दिया कि वह उन्हें पक्का नहीं कर सकते। उनके बारे में उन्होंने जो सोच रखा है वह बेहतर ही है। कैबिनेट बैठक में गेस्ट टीचर्स को पक्का करने का निर्णय लेना होता तो वह कभी का ले चुके होते। हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के संयोजक राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि स्कूलों में कार्यरत पंद्रह हजार से अधिक गेस्ट टीचर्स बुरी तरह से मायूस हैं। आठ-नौ वर्ष सेवाएं देने के बाद वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने नियमित न करने की बात कहकर उनकी उम्मीदों पर कुठाराघात किया है। संघ ने 1 जून को कैथल में प्रदेश के सभी अतिथि अध्यापकों की बैठक बुलाई है। इसमें सर्व सम्मति से आगामी आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी। शिक्षक नियमित या किसी अन्य पॉलिसी में शामिल हुए बगैर चैन से बैठने वाले नहीं हैं।
लगी। हुड्डा ने दो टूक कह दिया कि वह उन्हें पक्का नहीं कर सकते। उनके बारे में उन्होंने जो सोच रखा है वह बेहतर ही है। कैबिनेट बैठक में गेस्ट टीचर्स को पक्का करने का निर्णय लेना होता तो वह कभी का ले चुके होते। हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के संयोजक राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि स्कूलों में कार्यरत पंद्रह हजार से अधिक गेस्ट टीचर्स बुरी तरह से मायूस हैं। आठ-नौ वर्ष सेवाएं देने के बाद वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने नियमित न करने की बात कहकर उनकी उम्मीदों पर कुठाराघात किया है। संघ ने 1 जून को कैथल में प्रदेश के सभी अतिथि अध्यापकों की बैठक बुलाई है। इसमें सर्व सम्मति से आगामी आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी। शिक्षक नियमित या किसी अन्य पॉलिसी में शामिल हुए बगैर चैन से बैठने वाले नहीं हैं।
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