कैथलत्नप्रदेश सरकार ने अनुबंध आधार पर लगे तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा की है। लेकिन इसका कर्मचारियों को कोई खास लाभ नहीं होगा। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि पंजाब सरकार की नीति हूबहू लागू की जाएगी। पंजाब में भी इस पॉलिसी का कोई खास फायदा नहीं हुआ था। पूरे प्रदेश में चार से पांच हजार कर्मचारी ही इस नीति के तहत पक्का हो पाएंगे।
अब हरियाणा में भी इसका कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। लोकसभा चुनाव से पहले भी सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा की थी। लेकिन इसका नोटिफिकेशन नहीं किया। जबकि सरकार के पास नोटिफिकेशन के लिए एक सप्ताह का समय था। उल्टा चुनाव में कांग्रेस को इसका नुकसान हुआ। कर्मचारी वर्ग ने कांग्रेस का सहयोग नहीं किया और कांग्रेस एक सीट पर सिमट गई। अब सरकार विधान सभा में इसका फायदा लेना
चाहती है। लेकिन इस पॉलिसी का भी कोई खास फायदा नहीं होने वाला। सबसे ज्यादा कर्मचारी पब्लिक हेल्थ व बिजली निगम, शिक्षा विभाग में साक्षरता अभियान व स्वास्थ्य विभाग में एनआरएचएम स्कीम के तहत लगे कर्मचारी के बारे में भी कोई स्पष्ट नहीं है। गेस्ट टीचर इस पॉलिसी में नहीं आएंगे। सर्विस सुरक्षा संघ के प्रदेशाध्यक्ष भरत सिंह बेनीवाल ने बताया कि सरकार को अपनी अलग पॉलिसी बनानी चाहिए थी। इससे कोई ज्यादा लाभ नहीं होने वाला। मौजूदा सरकार ने जो दस वर्ष वाले कर्मचारियों को नियमित करने की पॉलिसी बनाई थी। उसमें भी कर्मचारियों को कोई खास लाभ नहीं हुआ था। इंटरव्यू के बाद चयन होने वालों को मिलेगा लाभ पंजाब पॉलिसी के तहत सिर्फ वे ही कर्मचारी शामिल होंगे। जिनका विज्ञापन अखबार में निकाला गया हो। इसके बाद इंटरव्यू के बाद चयन किया गया हो। आरक्षण का लाभ दिया हो। भर्ती की सभी औपचारिकताएं पूरी करता हो और तीन साल से नौकरी कर रहा है। उसी कर्मचारियों को इसका लाभ हो सकता है। अध्यापक संघ के नेता कुलभूषण शर्मा ने कहा कि नोटिफिकेशन होने के बाद ही पता चलेगा। अभी स्पष्ट नहीं है। प्रदेश सरकार को गेस्ट टीचरों को नियमित करना चाहिए। प्रदेश ने पहले दस वाली जो पॉलिसी बनाई थी। उसमें कर्मचारियों को कोई खास लाभ नहीं हुआ था। इस पॉलिसी का भी जल्द बदलाव होना चाहिए, ताकि ज्यादा कर्मचारियोंं को लाभ मिल सके। सर्वकर्मचारी संघ के प्रेस प्रवक्ता सतबीर गोयत ने कहा कि नोटिफिकेशन होने के बाद ही सही पता चलेगा कि कितने कर्मचारियो को इसका फायदा होगा। फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं है। सरकार को इस पॉलिसी के तहत ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को लाभ मिलना चाहिए।
चाहती है। लेकिन इस पॉलिसी का भी कोई खास फायदा नहीं होने वाला। सबसे ज्यादा कर्मचारी पब्लिक हेल्थ व बिजली निगम, शिक्षा विभाग में साक्षरता अभियान व स्वास्थ्य विभाग में एनआरएचएम स्कीम के तहत लगे कर्मचारी के बारे में भी कोई स्पष्ट नहीं है। गेस्ट टीचर इस पॉलिसी में नहीं आएंगे। सर्विस सुरक्षा संघ के प्रदेशाध्यक्ष भरत सिंह बेनीवाल ने बताया कि सरकार को अपनी अलग पॉलिसी बनानी चाहिए थी। इससे कोई ज्यादा लाभ नहीं होने वाला। मौजूदा सरकार ने जो दस वर्ष वाले कर्मचारियों को नियमित करने की पॉलिसी बनाई थी। उसमें भी कर्मचारियों को कोई खास लाभ नहीं हुआ था। इंटरव्यू के बाद चयन होने वालों को मिलेगा लाभ पंजाब पॉलिसी के तहत सिर्फ वे ही कर्मचारी शामिल होंगे। जिनका विज्ञापन अखबार में निकाला गया हो। इसके बाद इंटरव्यू के बाद चयन किया गया हो। आरक्षण का लाभ दिया हो। भर्ती की सभी औपचारिकताएं पूरी करता हो और तीन साल से नौकरी कर रहा है। उसी कर्मचारियों को इसका लाभ हो सकता है। अध्यापक संघ के नेता कुलभूषण शर्मा ने कहा कि नोटिफिकेशन होने के बाद ही पता चलेगा। अभी स्पष्ट नहीं है। प्रदेश सरकार को गेस्ट टीचरों को नियमित करना चाहिए। प्रदेश ने पहले दस वाली जो पॉलिसी बनाई थी। उसमें कर्मचारियों को कोई खास लाभ नहीं हुआ था। इस पॉलिसी का भी जल्द बदलाव होना चाहिए, ताकि ज्यादा कर्मचारियोंं को लाभ मिल सके। सर्वकर्मचारी संघ के प्रेस प्रवक्ता सतबीर गोयत ने कहा कि नोटिफिकेशन होने के बाद ही सही पता चलेगा कि कितने कर्मचारियो को इसका फायदा होगा। फिलहाल कुछ भी स्पष्ट नहीं है। सरकार को इस पॉलिसी के तहत ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को लाभ मिलना चाहिए।
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