Saturday, March 1, 2014

GUEST TEACHERS ME HAI BHARI ROSH

कुरुक्षेत्र, 28 फरवरी (हप्र) प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नियमितीकरण की नई नीति के अंतर्गत अतिथि अध्यापकों को नियमित करने बारे स्थिति स्पष्ट न होने के कारण अतिथि अध्यापकों तथा उनके परिवारों में प्रदेश सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है। संघ के प्रदेश प्रवक्ता राजेश शर्मा ने बताया कि अतिथि अध्यापकों को दिसम्बर, 2005 में राजकीय विद्यालयों में नियुक्त किया गया था तथा अप्रैल 2009 को प्रदेश सरकार ने अतिथि अध्यापकों को अनुबंध आधार पर करने का आदेश जारी किया। इस प्रकार अतिथि अध्यापकों को राजकीय विद्यालयों में कार्य करते हुए 9 वर्ष होने का आये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा तीन वर्षों
से कार्यरत कच्चे व अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित करने की नीति में अतिथि अध्यापकों को शामिल नहीं किया गया है जबकि अतिथि अध्यापक लम्बे समय से ये मांग करते आ रहे हैं कि प्रदेश सरकार उन्हें नीति बनाकर नियमित करे। अतिथि अध्यापकों के दिल्ली में चल रहे आन्दोलन व 15 दिन के आमरण अनशन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ हुई बातचीत के बाद अतिथि अध्यापकों के 15 हजार परिवारों को मुख्यमंत्री से बहुत उम्मीदें थी, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर चुका है। इससे स्पष्ट हो गया है कि शोषित अतिथि अध्यापकों का शोषण आगे भी जारी रहेगा।

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