अधिकतर वित्तीय घोटालों में पैन कार्ड संबंधी गड़बडिय़ां पाई गई हैं। लोग राशन कार्ड, बिजली बिल या ऐसे ही अन्य प्रमाण पत्रों में धांधली कर पैन कार्ड बनवा लेते हैं। अभी देश में 17 करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड है। लेकिन सिर्फ तीन करोड़ लोग इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय जल्द ही पैन कार्ड बनवाने के लिए नया फॉर्मेट जारी करने वाला है। अब तक आयकर विभाग दसवीं के सर्टिफिकेट में दर्ज जन्म की
तारीख, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, बिजली-पानी के बिल में दर्ज पते, राशन कार्ड, प्रॉपर्टी टैक्स असेसमेंट ऑर्डर आदि को पैन के लिए जरूरी प्रमाण मानता है। इसके तहत रेंट रिसिप्ट को भी मान्यता है। पिछले साल विभाग ने आम लोगों और कंपनियों के लिए नया पैन फॉर्मेट-49ए जारी कर आधार संख्या को इससे जोड़ा था।
तारीख, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, बिजली-पानी के बिल में दर्ज पते, राशन कार्ड, प्रॉपर्टी टैक्स असेसमेंट ऑर्डर आदि को पैन के लिए जरूरी प्रमाण मानता है। इसके तहत रेंट रिसिप्ट को भी मान्यता है। पिछले साल विभाग ने आम लोगों और कंपनियों के लिए नया पैन फॉर्मेट-49ए जारी कर आधार संख्या को इससे जोड़ा था।
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