चंडीगढ़ : वर्ष 2000 में ओमप्रकाश चौटाला शासनकाल में नियुक्त जेबीटी अध्यापकों की पदोन्नति न करने के मामले में सरकार द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। न्यायाधीश एजी मशीह ने सरकार के तर्को को नकारते हुए पदोन्नति के बारे में पूर्व में दिए फैसले को कायम रखा। 1सरकार ने वर्ष 2010 में जेबीटी अध्यापकों को मास्टर पदों पर पदोन्नत किया था जिसमें वर्ष 2000 में
नियुक्त अध्यापकों को पदोन्नत न करके उनसे जूनियर अध्यापकों को मास्टर पद पर पदोन्नति दे दी। पदोन्नति न मिलने से वर्ष 2000 में नियुक्त अध्यापकों ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी। उच्च न्यायालय ने रोशन लाल बनाम हरियाणा राज्य के मामले में 27 सितंबर 2012 को फैसला करते हुए सरकार को चार माह में पदोन्नति के आदेश दिए थे। सरकार ने एक बार फिर इन अध्यापकों को निर्धारित समय में पदोन्नति न देकर उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
नियुक्त अध्यापकों को पदोन्नत न करके उनसे जूनियर अध्यापकों को मास्टर पद पर पदोन्नति दे दी। पदोन्नति न मिलने से वर्ष 2000 में नियुक्त अध्यापकों ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी। उच्च न्यायालय ने रोशन लाल बनाम हरियाणा राज्य के मामले में 27 सितंबर 2012 को फैसला करते हुए सरकार को चार माह में पदोन्नति के आदेश दिए थे। सरकार ने एक बार फिर इन अध्यापकों को निर्धारित समय में पदोन्नति न देकर उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
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