Tuesday, July 30, 2013

HIGH COURT KA RECORD RAKHANE KI JAGAH NAHI

चंडीगढ़ : हरियाणा के महाधिवक्ता कार्यालय के पास हाईकोर्ट द्वारा निर्णित फैसलों का रिकार्ड रखने के लिए जगह नहीं है। इस रिकार्ड को रखने के लिए राज्य के मुख्य सचिव और न्याय प्रशासन विभाग से अतिरिक्त जगह मांगी गई है, लेकिन प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त जगह देने में असमर्थता जाहिर कर दी है। जगह नहीं मिलने के चलते महाधिवक्ता कार्यालय को करीब तीन साल का रिकार्ड नष्ट करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा
है। 1प्रदेश के महाधिवक्ता कार्यालय ने पहली जनवरी 2009 से 31 दिसंबर 2010 की अवधि के सिविल मामलों और पहली जनवरी 2011 से 31 दिसंबर 2011 की अवधि के आपराधिक मामलों से संबंधित निर्णित मामलों के साथ-साथ हाईकोर्ट की कार्यसूची के पुराने रिकार्ड को नष्ट करने का निर्णय लिया है। महाधिवक्ता कार्यालय ने इससे पहले सभी विभागाध्यक्षों को अपनी फाइलें वापस लेने का मौका देते हुए कहा है कि अपने विभाग से संबंधित इस अवधि की कोर्ट फाइलें 30 दिनों के भीतर वापस ले सकते हैं। ऐसा नहीं होने की स्थिति में उस अवधि से संबंधित फाइलों को नष्ट कर दिया जाएगा। महाधिवक्ता कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्य सचिव और न्याय प्रशासन विभाग से अतिरिक्त स्थान प्रदान करने का आग्रह किया गया था, ताकि पुराने निर्णित मामलों की फाइलों को वैकल्पिक स्थानों पर रखा जा सके, परंतु प्रदेश सरकार ने अपनी असमर्थता व्यक्त की है और बताया है कि महाधिवक्ता कार्यालय को अतिरिक्त स्थान प्रदान करने के लिए कोई स्थान उपलब्ध नहीं है। 1प्रवक्ता के अनुसार कार्यालय के रिकार्ड रूम की स्थिति पहले ही ठीक नहीं है तथा इस कार्यालय के रिकार्ड रूम में कर्मचारियों के काम करने के लिए स्वस्थ वातावरण बनाना बेहद आवश्यक है। इसमें आग लगने का खतरा बना रहता है। इसलिए पुराने रिकार्ड को वापस अथवा नष्ट किया जा रहा है।

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