राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में 60 प्रतिशत से कम अंक हासिल करने वालों को भर्ती के लिए अयोग्य घोषित किया है। आरक्षित वर्ग को दी गई न्यूनतम अंकों में छूट को गलत कहा है। आरटेट-2011 के परिणामों को रद्द करते हुए नए सिरे से चयन सूची बनाने के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने राज्य सरकार एवं 28 अन्य की अपीलों को खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस अमिताभ रॉय
और जस्टिस निशा गुप्ता की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से विभिन्न श्रेणियों में 10 से 20 प्रतिशत अंकों की छूट गलत है। एनसीटीई के नियमों के अनुसार आरटेट में सफलता के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक जरूरी था। राज्य सरकार ने साफ किया कि आरक्षित वर्ग को पांच प्रतिशत की छूट परीक्षा में शामिल होने के लिए शैक्षणिक योग्यता में छूट थी। टेट के न्यूनतम अंकों में नहीं। आरटेट में न्यूनतम प्राप्तांकों में छूट का कोई प्रावधान नहीं था। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने भी न्यूनतम प्राप्तांकों में छूट को गलत बताया था।
और जस्टिस निशा गुप्ता की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से विभिन्न श्रेणियों में 10 से 20 प्रतिशत अंकों की छूट गलत है। एनसीटीई के नियमों के अनुसार आरटेट में सफलता के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक जरूरी था। राज्य सरकार ने साफ किया कि आरक्षित वर्ग को पांच प्रतिशत की छूट परीक्षा में शामिल होने के लिए शैक्षणिक योग्यता में छूट थी। टेट के न्यूनतम अंकों में नहीं। आरटेट में न्यूनतम प्राप्तांकों में छूट का कोई प्रावधान नहीं था। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने भी न्यूनतम प्राप्तांकों में छूट को गलत बताया था।
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