जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार चाहे तो नौकरी से निकाले जाने वाले जेबीटी शिक्षकों का भविष्य बर्बाद होने से बच सकता है। हाइकोर्ट ने अपने फैसले में कुछ ऐसा ही स्पेस राज्य सरकार के लिए छोड़ दिया है। या यूं कहिए कि गेंद राज्य सरकार के पाले में डाल दी है। हाइकोर्ट ने अपने आदेश में व्यवस्था दी है कि यदि राज्य सरकार चाहे तो नौकरी से हटाए जाने वाले जेबीटी शिक्षकों की किसी अन्य जगह नौकरी के लिए आयु बढ़ा सकती है। ऐसी व्यवस्था इसलिए दी गई है, क्योंकि इन जेबीटी को काम करते हुए 13 साल हो गए हैं और अब यदि उन्हें हटाया जाता है तो नौकरी के लिए आवेदन करने की उनकी आयु खत्म मानी जाएगी। ऐसे में उनके लिए नए सिरे से रोजी रोटी का संकट खड़ा हो सकता है। हाइकोर्ट ने अपने फैसले में यह तक व्यवस्था दे
दी है कि यदि राज्य सरकार इन जेबीटी की आयु बढ़ाती है तो वह जेबीटी समेत अन्य विभागों में कहीं भी नए सिरे से नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। अब यह सरकार पर निर्भर करेगा कि जेबीटी शिक्षकों की आयु बढ़ाने अथवा उन्हें किन्हीं दूसरे विभागों में समायोजित अथवा नए सिरे से नौकरी के लिए अप्लाई कराने के मामले में क्या फैसला लेती है।
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