हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी की एचटेट को लेकर अभ्यर्थियों को राहत देने का दावा
इस बार एक व दो फरवरी को आयोजित होने वाली हरियाणा पात्रता परीक्षा कई पहलुओं से अहम होगी। शिक्षा बोर्ड सूत्रों की मानें तो इस बार अधिकांश परीक्षार्थियों को परीक्षा देने के लिए दूर दराज के जिलों में जाने की परेशानी से निजात दिलाने की कोशिश रहेगी। पिछले साल परीक्षा केंद्र दूर होने की वजह से मचे बवाल के बाद इस बार
अभ्यर्थियों को समीपवर्ती जिलों के
परीक्षा केंद्रों में परीक्षा देने की व्यवस्था कराने का दावा बोर्ड की ओर से किया जा रहा है। अब इस दावे का असलियत 20 जनवरी के बाद ही पता चल पाएगा जब अभ्यर्थियों के एडमिट
कार्ड में परीक्षा केंद्रों का उल्लेख होगा।
पेपरलेस आवेदन प्रक्रिया ने
अभ्यर्थियों को राहत: बोर्ड की ओर
से इस बार एचटेट की परीक्षा के लिए
ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया से अभ्यर्थियों को काफी फायदा हुआ।
आवेदन
से लेकर एडमिट कार्ड प्राप्त करने तक की प्रक्रिया के लिए अभ्यर्थियों को डाक खर्च और बोर्ड कार्यालय के बार-बार चक्कर लगाने से निजात मिली। अभ्यर्थियों को केवल परीक्षा देने के लिए ही गृह जिले से बाहर जाना पड़ेगा। पारदर्शिता बरतने के लिए सरलीकरण: संयुक्त सचिव प्रदेश भर के विभिन्न जिलों में परीक्षा केंद्रों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अभ्यर्थियों को उनके समीपवर्ती जिलों में ही परीक्षा केंद्र उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हो। महिला या विकलांग के लिए ही नहीं बल्कि सभी वर्गों के अभ्यर्थियों को उनके गृह जिले के पास ही परीक्षा केंद्र मुहैया कराने का पूरा प्रयास रहेगा। मौसम को देख बन रही रणनीति: बोर्ड की ओर से समीपवर्ती जिलों में परीक्षा केंद्र बनाने के पीछे मुख्य कारण मौसम है। जनवरी और फरवरी माह में सर्दी अधिक होने और दिन छोटे पडऩे के कारण अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में काफी परेशानियां होंगी। इसलिए समीपवर्ती परीक्षा केंद्र निर्धारित करने की रणनीति बन रही है। करीब चार लाख परीक्षार्थियों के लिए विभिन्न जिलों में बनाए जा रहे परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने के बाद परीक्षार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। एक केंद्र में सौ से अधिक परीक्षार्थी बैठ सकेंगे। परीक्षा केंद्र अधिक होंगे तो परीक्षार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी। समन्वयक केंद्रों की बढ़ेगी जिम्मेदारी: 20 जनवरी के बाद जिले में बनाए बोर्ड के समन्वयक केंद्रों की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। परीक्षा केंद्रों का निर्धारण और उत्तर पुस्तिका वितरण का काम समन्यवक केंद्रों के माध्यम से किया जाना है। उत्तर पुस्तिकाएं समन्वयक केंद्रों के माध्यम से भिवानी बोर्ड में जमा होंगी।
से लेकर एडमिट कार्ड प्राप्त करने तक की प्रक्रिया के लिए अभ्यर्थियों को डाक खर्च और बोर्ड कार्यालय के बार-बार चक्कर लगाने से निजात मिली। अभ्यर्थियों को केवल परीक्षा देने के लिए ही गृह जिले से बाहर जाना पड़ेगा। पारदर्शिता बरतने के लिए सरलीकरण: संयुक्त सचिव प्रदेश भर के विभिन्न जिलों में परीक्षा केंद्रों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अभ्यर्थियों को उनके समीपवर्ती जिलों में ही परीक्षा केंद्र उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हो। महिला या विकलांग के लिए ही नहीं बल्कि सभी वर्गों के अभ्यर्थियों को उनके गृह जिले के पास ही परीक्षा केंद्र मुहैया कराने का पूरा प्रयास रहेगा। मौसम को देख बन रही रणनीति: बोर्ड की ओर से समीपवर्ती जिलों में परीक्षा केंद्र बनाने के पीछे मुख्य कारण मौसम है। जनवरी और फरवरी माह में सर्दी अधिक होने और दिन छोटे पडऩे के कारण अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में काफी परेशानियां होंगी। इसलिए समीपवर्ती परीक्षा केंद्र निर्धारित करने की रणनीति बन रही है। करीब चार लाख परीक्षार्थियों के लिए विभिन्न जिलों में बनाए जा रहे परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने के बाद परीक्षार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। एक केंद्र में सौ से अधिक परीक्षार्थी बैठ सकेंगे। परीक्षा केंद्र अधिक होंगे तो परीक्षार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी। समन्वयक केंद्रों की बढ़ेगी जिम्मेदारी: 20 जनवरी के बाद जिले में बनाए बोर्ड के समन्वयक केंद्रों की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। परीक्षा केंद्रों का निर्धारण और उत्तर पुस्तिका वितरण का काम समन्यवक केंद्रों के माध्यम से किया जाना है। उत्तर पुस्तिकाएं समन्वयक केंद्रों के माध्यम से भिवानी बोर्ड में जमा होंगी।
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