Wednesday, March 5, 2014

AACHAR SAHINTA KYA HAI JAANE

आचार संहिता के लागू होते ही सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते हैं। सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। वे आयोग के मातहत रहकर उसके दिशा-निर्देश पर काम करते है। मुख्यमंत्री या मंत्री अब न तो कोई घोषणा कर सकेंगे, न शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन। सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन नहीं होगा, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुँचता हो। राजनीतिक दलों के आचरण और कार्यकलाप पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक होंगे ही। आचार संहिता के लागू होने पर क्या हो सकता है और क्या नहीं, इसके दिलचस्प पहलू एक नजर में। सामान्य � कोई दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैलॅ। � राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत। � धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। � मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि। � किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें। � किसी दल की सभा या
जुलूस में बाधा न डालें। � राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएँ आहत होती हों। राजनीतिक सभा � सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए। � दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहॉँ निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है। � सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करें। � सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें। जुलूस � जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें। � जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो। � राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें। � जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए। � जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके। मतदान के दिन � अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें। � मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो। � मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए। � मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएँ। � कैम्प साधारण होना चाहिए। � मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करें। सत्ताधारी दल � कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें। � मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें। � इस काम में शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें। � सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो। � हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएँ। � विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो। � इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा। � सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियाँ नहीं गिनवाएँगे। � मंत्रियों के शासकीय भ्रमण पर उस स्थिति में गार्ड लगाई जाएगी जब वे सर्किट हाउस में ठहरे हों। � कैबिनेट की बैठक नहीं करेंगे। � स्थानांतरण तथा पदस्थापना के प्रकरण आयोग का पूर्व अनुमोदन जरूरी।

No comments:

Post a Comment