Thursday, January 2, 2014

REGULAR BHartI SE GUEST TEACHERS KO KOI KHATRA NAHI


चंडीगढ़ 1गुणात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में स्थायी शिक्षकों की भर्ती की कवायद शुरू कर दी है। शिक्षक भर्ती बोर्ड को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद पोस्ट ग्रेजुएट टीचर की भर्ती में तेजी आई है। भर्ती बोर्ड लगभग 12 हजार लेक्चरर की भर्ती करने के लिए साक्षात्कार ले चुका है। दो हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्?ित पत्र प्रदान किए जा चुके हैं। अन्य पदों के लिए हुए साक्षात्कार का परिणाम जल्द आने की उम्मीद है। प्रदेश में स्कूल लेक्चरर के ही लगभग 23 हजार पद खाली पड़े हैं। प्राइमरी टीचर, मिडल स्कूल शिक्षकों व सीएंडवी अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हो पाई है। 1प्रदेश के स्कूलों में विभिन्न श्रेणी के अध्यापकों के पचास हजार के करीब पद रिक्त हैं। घोषणा के अनुरूप प्रदेश सरकार अगर 25 हजार स्थायी शिक्षकों की भी भर्ती करती है तब भी गेस्ट टीचर के भविष्य पर फिलहाल
कोई असर नहीं पड़ेगा। गेस्ट टीचर स्थायी नियुक्तियों में किसी प्रकार की बाधा हैं भी नहीं। चूंकि जिन पंद्रह हजार पदों पर वह कार्यरत हैं, उसके अलावा ही खाली पड़े पदों पर स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। 1प्रदेश में 2005 के बाद बड़े पैमाने पर स्थायी शिक्षकों के खाली पद नहीं भरे गए हैं। इसके बाद गेस्ट टीचर की ही नियुक्तियां हुई हैं। जो थोड़े बहुत पद भरे भी गए, वे कानूनी पचड़े में फंस कर रह गए। 1प्रमोशन कोटे के पद भी अभी तक नहीं भरे गए हैं। प्रिंसीपल के एक तिहाई व स्कूल हेडमास्टर के नब्बे फीसद पद वरिष्ठ शिक्षकों की प्रमोशन न होने से खाली हैं। सरकार जहां शिक्षकों के खाली पद भरने का दावा कर रही है, वहीं हरियाणा स्कूल अध्यापक संघ के अध्यक्ष बजीर सिंह शिक्षा विभाग की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि समय रहते भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए थी। लोकसभा चुनाव के लिए आगामी महीनों में लगने वाली आचार संहिता सरकार की योजना के आड़े आ सकती है।1शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव व वित्तायुक्त सुरीना राजन का कहना है कि स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। शिक्षक भर्ती बोर्ड के जरिए शिक्षकों की नियुक्तियों का रास्ता साफ हो चुका है। स्थायी शिक्षकों के इतने पद खाली हैं कि नई भर्ती होने के बावजूद काफी पोस्ट रिक्त रह जाएंगी। सरकार की नीति स्पष्ट रूप से शिक्षा को बढ़ावा देने वाली है।

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