हरियाणा में सरकारी कर्मचारी अब अपने बॉस का मौखिक निर्देश नहीं मानेंगे। मंत्रियों और आईएएस अफसरों को अब राज्य सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी संबंध में लिखित आदेश ही देने होंगे। अगर किन्हीं परिस्थितियों में मौखिक निर्देश या आदेश दिए जाते हैं तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी को फाइल पर उनकी लिखित में पुष्टि करवानी होगी।
इससे उन नेताओं और बड़े अफसरों के सामने परेशानी पैदा
हो जाएगी, जो अपने गैरकानूनी काम मौखिक निर्देश से करवाते हैं और गलती का ठीकरा अधीनस्थ अधिकारी या कर्मचारी पर फोड़ देते हैं। हरियाणा सरकार की ओर से बनाए जा रहे राज्य सेवा के कंडक्ट रूल्स में यह प्रावधान किया गया है। फिलहाल रूल्स के ड्राफ्ट पर 16 जुलाई तक आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। राज्य में पहली बार बनाए जा रहे इन कंडक्ट रूल्स में सरकार ने जनसंख्या वृद्धि और बाल विवाह को रोकने की कोई कोशिश नहीं की है, जबकि राजस्थान ने पहल करते हुए कर्मचारियों पर दो बच्चों का नियम लागू किया है। तीसरा बच्चा होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। इसका प्रभाव उसकी पदोन्नति और वेतनवृद्धि पर भी पड़ता है। इसके अलावा बाल विवाह को रोकने और सरकारी संपत्ति पर कब्जा अथवा अतिक्रमण रोकने जैसे प्रावधान भी किए गए हैं।
हो जाएगी, जो अपने गैरकानूनी काम मौखिक निर्देश से करवाते हैं और गलती का ठीकरा अधीनस्थ अधिकारी या कर्मचारी पर फोड़ देते हैं। हरियाणा सरकार की ओर से बनाए जा रहे राज्य सेवा के कंडक्ट रूल्स में यह प्रावधान किया गया है। फिलहाल रूल्स के ड्राफ्ट पर 16 जुलाई तक आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। राज्य में पहली बार बनाए जा रहे इन कंडक्ट रूल्स में सरकार ने जनसंख्या वृद्धि और बाल विवाह को रोकने की कोई कोशिश नहीं की है, जबकि राजस्थान ने पहल करते हुए कर्मचारियों पर दो बच्चों का नियम लागू किया है। तीसरा बच्चा होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। इसका प्रभाव उसकी पदोन्नति और वेतनवृद्धि पर भी पड़ता है। इसके अलावा बाल विवाह को रोकने और सरकारी संपत्ति पर कब्जा अथवा अतिक्रमण रोकने जैसे प्रावधान भी किए गए हैं।
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